पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को जलपाईगुड़ी के माल क्षेत्र में एक बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ने क्षेत्र के कर्मचारियों पर अमानवीय दबाव डाल दिया है, जिसके कारण अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मृत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताबीएलओ के रूप में काम कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत निर्वाचन आयोग की एसआईआर की कवायद के असहनीय दबाव के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर जारी बयान में 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा सौंपे गए कार्य की निंदा की और इसे अनियोजित, अथक कार्यभार की संज्ञा दी।
ममता बनर्जी ने आयोग से विवेक से काम करने और इस अभियान को तत्काल निलंबित करने का अनुरोध किया है तथा चेतावनी दी है कि यदि वर्तमान गति से एसआईआर का काम जारी रहा तो और मौतें हो सकती हैं।
तृणमूल कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि लंबी ड्यूटी के घंटे, यात्रा संबंधी आवश्यकताओं और समय सीमा पूरी करने के दबाव के कारण कई बीएलओ का स्वास्थ्य खराब हो चुका है।
मुख्यमंत्री के आरोपों पर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

