मुंबई: मलयालम फिल्म उद्योग के निर्माताओं, वितरकों और सिनेमा मालिकों ने अगले साल जून से फिल्म उद्योग बंद करने की धमकी दी है। उनके अनुसार, फिल्म उद्योग इस समय अभूतपूर्व वित्तीय संकट से गुजर रहा है और वे अब और इंतजार नहीं कर सकते। वे फिल्म अभिनेताओं द्वारा ली जाने वाली अत्यधिक फीस तथा सरकार द्वारा लगाए जाने वाले भारी मनोरंजन कर का विरोध कर रहे हैं। हाल ही में मलयालम फिल्म निर्माता, वितरक, सिनेमा मालिक और तकनीशियन संघ (एफईएफकेए) की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के बाद निर्माता जी सुरेश कुमार ने कहा कि 2024 में 200 से अधिक फिल्में रिलीज होंगी। इनमें से केवल 24 फिल्में ही रिलीज हो पाई हैं। बाकी सभी फिल्में फ्लॉप होने से निर्माताओं को 600 से 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि कलाकारों द्वारा ली जाने वाली अत्यधिक फीस के कारण उत्पादन लागत कई गुना बढ़ गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म उद्योग जीएसटी और मनोरंजन कर के दोहरे बोझ का सामना कर रहा है। अब, इन दोनों को मिलाकर कुल कर लगभग 30 प्रतिशत हो गया है। अगर कोई फिल्म 100 करोड़ रुपये कमाती है तो सरकार 30 करोड़ रुपये लेती है और निर्माता को केवल 27 करोड़ रुपये मिलते हैं।