महाकुंभ भगदड़: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से महाकुंभ से प्रभावित श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवाएं, भोजन और कपड़े उपलब्ध कराने को कहा। अखिलेश की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बुधवार (29 जनवरी) को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में पवित्र स्नान करने जाते समय मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए।
अखिलेश ने कहा कि दुर्घटना के तथ्य छिपाना, आंकड़े छिपाना, गवाहों को छिपाना अपराध है। उत्तर प्रदेश सरकार मुआवजा न देने के लिए मौतों की संख्या छिपा रही है। यूपी सरकार सारी जानकारी छुपा रही है। सरकार लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है, हादसे के पीछे कोई साजिश नहीं है, ये सिर्फ सरकार की नाकामी है, साधु-संत भी यही कह रहे हैं।
इसके अलावा अखिलेश यादव ने महाकुंभ में फंसे लोगों की मदद करने की भी सलाह दी है। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह पोस्ट शेयर कर यूपी सरकार को नसीहत दी है।
अखिलेश यादव की सलाह
- भोजन-पानी के लिए दिन-रात जगह-जगह ढाबे और गोदामों की व्यवस्था करने की अपील।
- उत्तर प्रदेश से चिकित्सा एवं पैरामेडिकल स्टाफ को दोपहिया वाहनों के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में फंसे लोगों तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक के रूप में लाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- महाकुंभ के आसपास और पूरे क्षेत्र में कई किलोमीटर तक फंसे वाहनों को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें।
- दवा की दुकानों को दिन-रात खुली रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।
- लोगों को कपड़े और कंबल दिए जाने चाहिए।
दो स्थानों पर भगदड़?
उल्लेखनीय है कि बुधवार (29 जनवरी) को महाकुंभ के संगम पर मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाकुंभ के दौरान सिर्फ एक नहीं बल्कि दो जगहों पर भगदड़ मची। इस घटना से संगम के सामने स्थित ज्यूसी क्षेत्र में भी भयंकर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोगों के मरने की भी खबर है। लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार या प्रशासन की ओर से कोई भी इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है।
भगदड़ की बात से इनकार?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुसी इलाके में भगदड़ के 24 घंटे बाद भी हजारों की संख्या में कपड़े, जूते और लोगों के दस्तावेज समेत कई सामान जहां-तहां पड़े हुए थे। इन सभी कपड़ों और अवांछित वस्तुओं को बुलडोजर से नष्ट किया जा रहा था। दुर्घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, भगदड़ में मारे गए लोगों के शव भी 12 घंटे बाद ले जाए गए। लेकिन अभी तक जुसी क्षेत्र में हुई इस भगदड़ की कोई आधिकारिक जानकारी या स्वीकृति नहीं है। दुर्घटना के 24 घंटे बाद भी जो दृश्य मौजूद हैं, वे त्रासदी की गंभीरता को दर्शाते हैं। वहां मौजूद एक फूड स्टॉल के लोगों ने इसकी जानकारी दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कई लोगों की मौत की खबर दी है, लेकिन सरकार या प्रशासन ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है। लोग अपने बिछड़े हुए परिवार के सदस्यों के साथ-साथ मृतकों के शवों की भी तलाश कर रहे हैं।