महाकुंभ 2025: सूत्रों से पता चला है कि सरकार प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार देर रात हुई भगदड़ में मरने वालों की सही संख्या जारी करने में हिचकिचा रही है। सरकार ने कहा है कि भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली। डीआईजी ने यह भी बताया कि पांच मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। जबकि प्रयागराज में पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर 24 शवों के पोस्टर लगाए गए हैं। यूपी सरकार के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ में 90 घायल लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। उनमें से 30 की मृत्यु हो गई। 30 मृतकों में से पांच की पहचान नहीं हो पाई है।
मृतकों की संख्या में भ्रम
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30 मृतकों में कर्नाटक के चार, असम और गुजरात के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। जबकि पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लगे 24 मृतकों के पोस्टरों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि ये मृतक आधिकारिक रूप से घोषित 30 की संख्या में शामिल हैं या नहीं।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बयान दिया कि पांच शवों की पहचान नहीं हो पाई है। बाद में उन्होंने बताया कि जिन 25 शवों की पहचान की गई उनमें से 19 की पहचान गलत पाई गई। इस प्रकार, अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रशासन महाकुंभ में भगदड़ के कारण हुई मौतों की सही संख्या छिपा रहा है।
बिहार में छह और बंगाल में दो मौतें
डीआईजी ने बताया कि 30 मृतकों में से छह उत्तर प्रदेश के बाहर के थे। लेकिन बिहार से ही खबर मिली है कि इस भगदड़ में नौ लोगों की मौत हो गई है। पश्चिम बंगाल से भी दो लोगों की मौत की खबर है। इसलिए, इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि भगदड़ में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के कितने लोग मारे गए हैं।
37 घायलों का इलाज चल रहा है
भगदड़ में घायल हुए 41 लोगों का रानी नेहरू अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनमें से चार ठीक हो गए हैं। अन्य 37 का अभी भी इलाज चल रहा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि महाकुंभ में भगदड़ में 100 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा है कि उनके पास 100 लोगों की मौत का डेटा है।