महाकुंभ भगदड़: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के बाद राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार को हर तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। राजनीतिक पार्टियों के बाद अब संतों-महंतों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ऐसे में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार को अब सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.’
सरकार को व्यापक तैयारी करनी चाहिए थी
शंकराचार्य ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर बड़ा बयान देते हुए कहा, ‘भगदड़ की घटना ने सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी है. अधिकारी पहले से ही महाकुंभ में 40 करोड़ और मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालु आने का दावा कर रहे थे। इस हिसाब से उन्हें व्यापक तैयारी करनी चाहिए थी.’
शंकराचार्य ने इस घटना के बारे में आगे कहा, ‘यह घटना बताती है कि तैयारी पूरी नहीं थी और लोगों की जान से खिलवाड़ किया गया. अगर हमारे घर में किसी समारोह में 1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है तो हमें वहां 5000 लोगों को नहीं बुलाना चाहिए। महाकुंभ में यही हुआ.’
ग्राउंड जीरो पर कोई ठोस व्यवस्था नहीं- शंकराचार्य
शंकराचार्य ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में कहा, ‘अच्छी व्यवस्था की जानकारी मिलने के बाद श्रद्धालु यहां आए लेकिन ग्राउंड जीरो पर उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि, ”सीएम योगी समेत तमाम सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट पर लोगों को घटना की सच्ची जानकारी देने के बजाय अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की जा रही है.” ऐसे में उनके जैसे पुजारी को भी इस घटना की जानकारी नहीं थी. अगर घटना की जानकारी सही समय पर मिल जाती तो लोग परंपराओं का पालन करते।’
बहुत सख्त कार्रवाई की जरूरत है.’
मौजूदा सरकार की व्यवस्था की आलोचना करते हुए शंकराचार्य ने कहा, ‘यह मौजूदा सरकार की बड़ी विफलता है. ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, सरकार को स्वयं हट जाना चाहिए या जिम्मेदार लोगों को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। यह ऐसी दुखद घटना है जिसने सनातनियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है, ‘अगर इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में बड़ी घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे मामले में बहुत सख्त कार्रवाई की जरूरत है.’