महाकुंभ मेला क्षेत्र में पांटुल पुल से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। प्रशासन ने इस पुल पर सिर्फ प्रशासनिक गाड़ियों को चलने की अनुमति दी है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुल पर आम जनता की आवाजाही रोक दिए जाने के कारण लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।
इस फैसले के चलते पुल के आसपास भारी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही। कई श्रद्धालु, जिन्हें पहले से इस प्रतिबंध की जानकारी नहीं थी, पुल पर पहुंच गए और उन्हें लंबी दूरी तय करने के बाद वापस लौटना पड़ा।
महाकुंभ भगदड़ के बाद किए गए थे कई बदलाव
1. मौनी अमावस्या पर मची थी भगदड़
मौनी अमावस्या की रात महाकुंभ क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थानों पर भगदड़ मची थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और अनेक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
2. प्रशासन ने किए सख्त बदलाव
- भगदड़ के बाद सरकार और प्रशासन ने कई कड़े फैसले लिए।
- 4 फरवरी तक सभी VVIP पास रद्द कर दिए गए।
- पूरे प्रयागराज में चार पहिया वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई गई।
- संगम नोज तक जाने की अनुमति सीमित कर दी गई।
3. स्नान व्यवस्थाओं में बदलाव
भगदड़ के बाद सरकार की नई व्यवस्थाओं के तहत कुंभ स्नान अब नियंत्रित तरीके से किया जा रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज तक जाने की जिद न करें और नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें।
इन बदलावों के कारण अब तक सभी स्नान शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे थे, लेकिन अचानक पुलों के बंद होने से फिर से अव्यवस्था की स्थिति बन गई है। श्रद्धालुओं को वैकल्पिक रास्तों की जानकारी न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
महाकुंभ 2025: मुख्य बिंदु
पांटुल पुल पर आम श्रद्धालुओं की आवाजाही बंद, सिर्फ प्रशासनिक गाड़ियां चलेंगी।
पुल बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी, यातायात प्रभावित।
मौनी अमावस्या की भगदड़ के बाद प्रशासन ने VVIP पास और वाहनों पर प्रतिबंध लगाया।
सरकार की सख्ती के बाद स्नान व्यवस्था नियंत्रित, लेकिन अचानक पुल बंद करने से अव्यवस्था।
श्रद्धालुओं से अपील – संगम नोज की बजाय अन्य घाटों पर स्नान करें