संगम पर साधु-संतों का शाही स्नान
बसंत पंचमी के अवसर पर महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान शुरू हो चुका है। साधु-संतों ने हाथों में तलवार-गदा, डमरू और शंख के साथ संगम तट पर हर-हर महादेव के जयघोष के साथ प्रवेश किया। रथ और घोड़ों पर सवार साधु-संतों की टोलियां संगम की ओर बढ़ीं।
- सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संतों ने अमृत स्नान किया।
- इसके बाद सबसे बड़े जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े ने स्नान संपन्न किया।
- ऑपरेशन इलेवन के तहत भीड़ प्रबंधन की विशेष योजना लागू की गई।
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं।
- श्रद्धालुओं और साधु-संतों पर हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा की जा रही है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम
महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन-वे रूट लागू किया गया है।
- पांटून पुलों पर भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
- संगम जाने वाले रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है।
- प्रयागराज जंक्शन से श्रद्धालु 8-10 किमी पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लेटे हनुमान मंदिर अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
- मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे ट्रैफिक के तहत संचालित किए जा रहे हैं।
सुबह 4 बजे से अमृत स्नान जारी
महाकुंभ के दौरान बसंत पंचमी पर सुबह 4 बजे से स्नान शुरू हो चुका है।
- 16.58 लाख श्रद्धालु तड़के स्नान कर चुके थे।
- महाकुंभ का यह 22वां दिन है और अब तक 34.97 करोड़ से अधिक लोग डुबकी लगा चुके हैं।
- प्रशासन का अनुमान है कि आज 3 से 4 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर सकते हैं।
- लाउडस्पीकर से बार-बार अनाउंसमेंट की जा रही है कि श्रद्धालु स्नान के बाद तुरंत आगे बढ़ें।
अखाड़ों का अंतिम अमृत स्नान
यह महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान है। साधु-संत और श्रद्धालु शिवयोग, सिद्ध योग, साध्य योग और रवि योग के पावन संयोग में संगम में डुबकी लगा रहे हैं।
- अखाड़ों के लिए यह अंतिम अमृत स्नान है।
- अगला शाही स्नान 12 फरवरी 2025 (माघी पूर्णिमा) और
अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि) को होगा।
पांटून पुल खोले गए, श्रद्धालुओं को राहत
अमृत स्नान को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पांटून पुलों को खोला गया है।
- संगम से झूंसी जाने के लिए पुल 2, 4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 और 25 खोले गए हैं।
- झूंसी से संगम जाने के लिए पुल 16, 18, 21 और 24 खोला गया है।
- अरैल से झूंसी जाने के लिए पुल 28 खोला गया है।
- झूंसी से अरैल जाने के लिए पुल 27 और 29 को चालू किया गया है।
अब श्रद्धालुओं को लंबी दूरी पैदल तय नहीं करनी पड़ेगी, जिससे भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी।
व्यवस्थाएं दुरुस्त – डीआईजी महाकुंभ
डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने कहा कि भीड़ पर पूरा नियंत्रण है और सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं।
- सभी अखाड़ों का स्नान समय से पहले पूरा हो जाएगा।
- सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
- महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।