महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के 34 जिलों में बारिश के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए राहत की घोषणा की है, जिसमें सहकारी समितियों से लिए गए ऋण को युक्तिसंगत बनाना और एक वर्ष तक कर्ज वसूली स्थगित करना शामिल है।
शुक्रवार को जारी एक शासकीय आदेश (जीआर) में कहा गया है कि राज्य के 347 तहसीलों में फसलों, कृषि भूमि और घरों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, मौतें हुई हैं, मवेशियों और अन्य जानवरों की हानि हुई है।
जीआर में सहकारी समितियों से लिए गए ऋण को युक्तिसंगत बनाने, एक वर्ष तक कृषि ऋण वसूली को स्थगित करने तथा प्रभावित तहसीलों में कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क माफ करने की घोषणा की गई।
इसमें कहा गया है कि तीन महीने के बिजली बिल भी माफ कर दिए जाएंगे।
जीआर के अनुसार, राज्य कृषि विभाग के आकलन से पता चला है कि जून से सितंबर तक हुई बारिश के कारण 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें नष्ट हो गई हैं।
सितंबर में भारी वर्षा और बाढ़ से मराठवाड़ा व आसपास के क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए।
इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य सरकार ने बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा की थी।
इसमें फसल हानि, जीवन और संपत्ति, मृदा अपरदन, किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता, सूखे जैसी स्थिति में दी जाने वाली रियायतें, अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, अनुग्रह राशि, मकानों, दुकानों और पशुशालाओं को हुए नुकसान के लिए मुआवजा शामिल था।