शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महाराष्ट्र सरकार पर राज्य से मराठी को खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
ठाकरे ने इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों को बर्खास्त नहीं करने के लिए देवेंद्र फडणवीस को असहाय मुख्यमंत्री करार दिया।
मुंबई के बांद्रा स्थित अपने आवास मातोश्री में ठाकरे ने कहा कि हालांकि विपक्ष ने मंत्रियों के भ्रष्टाचार का सबूत दिया था, लेकिन उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
ठाकरे के आवास मातोश्री में शेतकरी क्रांति संगठन का शिवसेना (उबाठा) में विलय हुआ।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने पहले कभी इतना असहाय मुख्यमंत्री नहीं देखा। कोई किसी से जवाब नहीं मांग सकता।’’
विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिन्हें उस कथित वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद आलोचना का सामना करना पड़ा जिसमें उन्हें विधान परिषद में ऑनलाइन‘रमी’ खेलते दिखया गया है। इसके बाद कोकाटे को किसानों के बारे में असंवेदनशील टिप्पणी के लिए भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
बृहस्पतिवार रात कोकाटे को कृषि मंत्रालय से खेल एवं युवा कल्याण विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया।
शिवसेना (यूबीटी) खासतौर पर अपने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के मंत्रियों संजय शिरसाट, संजय राठौड़ और योगेश कदम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रही है।
ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।
विवाद पर, पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘सरकार महाराष्ट्र से मराठी को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
मंत्रालय के पास शिवालय में एक अलग कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, ‘‘हमें किसी भी से कोई नफरत नहीं है, लेकिन हम पर कोई नहीं थोपें।’’
ठाकरे का इशारा कथित तौर पर कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए त्रिनीति और हिंदी थोपने से संबंधित दो विवादास्पद सरकारी प्रस्तावों (जीआर) की ओर था।
विभिन्न वर्गों के कड़े विरोध के बाद जीआर वापस ले लिए गए थे। उद्धव और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने हिंदी के जीआर वापस लिए जाने का जश्न मनाने के लिए पांच जुलाई को एक संयुक्त रैली को संबोधित किया।