शाम जतिनभाई पटेल (उम्र २४) और निधि जतिनभाई पटेल (उम्र २६) गुजरात के जाने-माने उद्योगपति और १९६७ से सेवाकर्मी श्री मगनभाई पटेल के पोते-पोती हैं। अपने दादा मगनभाई पटेल की तरह वे भी कई वर्षों से समाज सेवा के कार्यों में लगे हुए हैं।गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (GTU) से बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रथम श्रेणी डिस्टिंक्शन के साथ स्नातक करनेवाले शाम जतिनभाई पटेल वर्तमान में अमेरिका के एक शीर्ष कॉलेज में दाखिला लेने के बाद वित्त और विपणन प्रबंधन में मास्टर डिग्री के लिए अध्ययन कर रहे हैं। जबकि निधि जतिनभाई पटेलने जी.टी.यू. से ६९% अंकों के साथ बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर की परीक्षा पास की और अहमदाबाद में जानेमाने आर्किटेक्ट के कार्यालय में ६ महीने का अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने भारत सरकार के काउंसिल ऑफ़ आर्किटेक्चर से लाइसेंस प्राप्त कर के अपने प्रोजेक्ट से करीब १,५०,०००रुपए की धनराशि अर्जित की और उसे दान के लिए दादा मगनभाई पटेल के पास छोड़ दि। वर्तमान में वह अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय में मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रही हैं।
यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि दादा मगनभाई पटेल इन दोनों भाई-बहनों को हर महीने दस-दस हजार रुपये पॉकेट मनी के रूप में देते थे, जिसे ये दोनों बचाकर अपने जन्मदिन पर इकट्ठी हुई राशि को धर्मार्थ कार्यों के लिए दान करते रहते है। वर्ष २०१४ से २०२५ तक पिछले ११ वर्षों में इन दोनों भाई-बहनोंने अपने दादाजी से मिले पॉकेट मनी में से १५ लाख रुपए से अधिक की राशि शिक्षा,स्वास्थ्य एव शारीरिक व मानसिक रूप से विकलांगों और दिव्यांग लोगो के लिए दान कर दी है और आज भी कर रहे हैं। देश के युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से हम इन दोनों भाई-बहनों के सेवा कार्यों के कुछ अंश हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। पिछले ११ वर्षों से यानी २०१४ से २०२५ तक दोनों भाई-बहन अपने जन्मदिन को अपने परिवार के सदस्यों के साथ बहुत ही सादगी से मनाते आ रहे हैं। साथ ही, वे अपने जन्मदिन पर होने वाले खर्च में भी मितव्ययिता बरतते रहे हैं और बचाई गई राशि को सामाजिक संस्थाओं को दान करते रहते हैं। इन दोनों भाई-बहनों के पिता जतिनभाई मगनभाई पटेल,जिनके पास वर्ष १९९४ से अमेरिकी नागरिकता होने के बावजूद आज करीब ३० साल से भारत में अपने पिता मगनभाई पटेल और माता शांताबेन मगनभाई पटेल के साथ सेवाकार्यों में जुटे हैं। उनके बच्चे शाम और निधिबेन अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत में अपने अभ्यास अनुसार अपना उद्योग करेंगे और समाज सेवामें जुड़ेंगे,जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणा सन्देश है। गुजरात की विविध सामाजिक संस्थाओ में किये गए इन बच्चो के सेवाकार्य कुछ इस प्रकार है।
पद्मश्री स्व.डॉ.एच.एल.त्रिवेदी किडनी इंस्टीट्यूट,सिविल अस्पताल परिसर, असारवा,अहमदाबाद :-
पद्मश्री स्वर्गीय डॉ. एच.एल. त्रिवेदी साहब, जिन्होंने कनाडा से अपनी अथाह संपत्ति गुजरात के किडनी रोगियों के लिए छोड़ दी और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल परिसर में लगभग १८०० करोड़ रुपये का किडनी अस्पताल स्थापित करके मानवता की अनूठी सेवा की। उन्होंने ५००० से अधिक किडनी प्रत्यारोपण और ५०० से अधिक लिवर प्रत्यारोपण करके विश्व रिकॉर्ड बनाया।ऐसी ही एक महान सेवा में भाग लेने के लिए, हाल ही में स्वर्गीय पद्मश्री डॉ.एच.एल.त्रिवेदी की ९१ वीं जन्मजयंती के अवसर पर निधि, शाम और दादा मगनभाई पटेल द्वारा किडनी इंस्टीट्यूट के लिए यूरोलॉजी और ट्रांसप्लांट सर्जरी के प्रमुख डॉ. प्रांजलभाई मोदी को ९१,००० रुपये का चेक अर्पण किया गया,साथ ही साथ यह भी संकल्प लिया गया कि डॉ.एच.एल.त्रिवेदी साहब के जन्म वर्ष के गुणांक के बराबर राशि हर साल उनके जन्मदिन पर दान की जाएगी।आज यह देश और दुनिया में अग्रणी किडनी प्रत्यारोपण विश्वविद्यालय बन गया है। उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए अहमदाबाद के निकोल क्षेत्र में डॉ. त्रिवेदी साहब के नाम पर एक निःशुल्क डायलिसिस केंद्र शुरू किया गया है, जहां आज दो वर्षों में बिना किसी सरकारी सहायता के ९००० से अधिक निःशुल्क डायलिसिस उपचार किए जा चुके हैं।गुजरात केन्सर सोसाइटी (GCS) :-
दिनांक १६ मार्च, २०१९ को लायंस क्लब द्वारा केन्सर से पीड़ित बच्चों के लिए एक फंड रेइज़िंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें चाइल्डहुड कैंसर केर के चेयरमैन श्री मगनभाई पटेल एव निदेशक रूपाबेन शाह, घी गुजरात कैंसर सोसाइटी के कार्यकारी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद्मश्री पंकजभाई पटेल,(Zydus),मानद महासचिव स्वर्गीय श्री प्रशांतभाई किनारीवाला,लायन्स क्लब के गवर्नर,वाइस गवर्नर,सचिव और लायंस संगठन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम से करीब १.५ करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र हुई थी जिसे बाल केन्सर विभाग को दान कर दि गई। इस संस्थान में कैंसर से पीड़ित बच्चों के मनोरंजन के लिए विकलांग सहायता केंद्र के पेट्रन चेरमेन श्री मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में एक मनोरंजन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। इस संस्था के प्रमुख बाबूभाई साबूवाला के साथ संस्था के सदस्यों ने मिलकर कैंसर से पीड़ित बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया और उनके दुख में शामिल हुए। इस समय भी दोनों भाई-बहन शाम और निधिने १,००,००० रुपये का दान देकर सराहनीय कार्य किया था।
हाल ही में दिनांक ५.२.२०२५ को दादा मगनभाई पटेल द्वारा कैंसर रोगियों के लाभ के लिए अहमदाबाद में नरोदा-मेम्को रोड पर स्थित गुजरात कैंसर सोसाइटी द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज,अस्पताल और अनुसंधान केंद्र को दादा मगनभाई पटेल के पास रखी गई निधि और शाम की बचत में से १,०१,१११ रुपये का डोनेशन का चेक दिया गया। इस संस्थान के डिरेक्टर श्री डॉ.कीर्तिभाई पटेल एव सीईओ श्री डॉ.जगदीशभाई खोयानीने अपने व्यस्त कार्यक्रम होने के बावजूद दानदाता श्री मगनभाई पटेल के साथ सामाजिक सेवा कार्यों,विशेषकर चिकित्सा एव फार्मा के विषय पर करीब दो घंटे तक विस्तृत चर्चा की और इस क्षेत्र में श्री मगनभाई पटेल के करोडो रूपये के योगदान से बहुत प्रभावित हुए और उनके प्रति आभार प्रगट किया।
इस GCS संस्थान में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में विभिन्न रोगों के ३०० से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम काम कर रही है। यहां हर साल १०,००० से अधिक ऑपरेशन किए जाते हैं। हर दिन ओपीडी में १२०० से अधिक मरीज देखे जाते हैं। यहां ९० से अधिक आई.सी.यू और क्रिटिकल केयर यूनिट हैं और ७५० से अधिक पेशन्ट बेड हैं।वर्तमान में इस मेडिकल कॉलेज में MBBS,मेडिकल ग्रेज्युएट,पोस्ट ग्रेज्युएट,नर्सिंग, फिजियोथेरपी,पेरा मेडिकल और सुपर स्पेशियालिटी जैसे मेडिकल कोर्स में करीब १२०० से १४०० मेडिकल छात्र शिक्षा ले रहे है। आज गुजरात कैंसर सोसाइटी पुरे देश में कैंसर से पीड़ित बच्चों की पहली संस्था बन गयी है।

मनोदिव्यांग संस्था “चिन्मय”:-
“चिन्मय” संस्था अहमदाबाद के सरखेज क्षेत्र में स्थित मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए एक आवासीय प्रशिक्षण संस्थान है, जहाँ ४५ से अधिक मानसिक रूप से विकलांग बच्चों का मनोवैज्ञानिक तरीकों से इलाज किया जाता है। इस संस्थान के ट्रस्टी ८४ वर्षीय श्री गर्गभाई शुक्ला , जिन्होंने मनोविज्ञान विषय में एम.एड और पी.एच.डी की डिग्री प्राप्त की है।इससे पहले वे उच्चतर महाविद्यालय में बी.एड.,एम.एड. के प्राचार्य के पद पर कार्यरत रहे तथा पिछले ३५ वर्षों से सरखेज क्षेत्र को अपना कार्य क्षेत्र बनाकर विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़कर समाज सेवा के क्षेत्र में अनेक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं और वर्तमान में वे यह संस्था ‘चिन्मय’ के मैनेजिंग ट्रस्टी के रूप में मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की २५ वर्षों से सेवा कर रहे हैं।इस संस्था में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एस.टी. स्टैण्ड पर पाए जानेवाले मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आवास एवं प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है तथा गर्ग शुक्ला एवं उनका परिवार इस संस्था के बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक उपचार करते हैं।श्री मगनभाई पटेल और श्रीमती शांताबेन पटेल अपने परिवार के साथ, इस संस्था का अक्सर दौरा करते रहते हैं, और आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं, साथ ही साथ इस संस्था के प्रबंधन में आवश्यक सुझाव भी देते रहते हैं।वर्तमान में इस संस्था में मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए लगभग २०० आवेदन लंबित हैं। अन्य १०० बच्चों को समायोजित करने के लिए, इस संस्था के बगल में भूमि पर एक आवासीय संस्था की आवश्यकता हुई तब श्री मगनभाई पटेल द्वारा इसकी आधारशिला रखी गई और श्री मगनभाई पटेलने इसके निर्माण के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने का एलान कर के भूमि पूजन भी किया। दादा मगनभाई पटेल के पोते शाम पटेलने वर्ष २०१४ से लेकर आज तक अपने जन्मदिन या अन्य दिनों में बड़ी मात्रा में इस संस्था को दान देकर समाज के माता-पिता, बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरक कार्य किया है। आज यह संस्था गुजरात में प्रथम श्रेणी की संस्था बन गयी है।
दिग्विजय लायंस फाउंडेशन:-
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल,असारवा के सामने स्थित “दिग्विजय लायंस फाउंडेशन” ट्रस्ट हर साल लाखों रुपये के धर्मार्थ कार्य करता है। सिविल अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए देश भर से आनेवाले मरीजों एव उनके रिश्तेदारों को ४० रुपये के सांकेतिक शुल्क पर आवास और ३५ रुपये में भोजन सुविधा प्रदान की जाती है। वर्ष २०१४ में निधि पटेलने दिग्विजय लायंस फाउंडेशन को ५१,००० रुपए का डोनेशन दिया उसके बाद उन्होंने इस संस्था को १ लाख रुपए के हिसाब से तीन वर्षों में ३,००,००० रुपए की धनराशि दान की और दादा मगनभाई पटेल के नाम पर एक कमरा दानदाता के रूप में बनवाकर समाज में एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। यहां सभी सुविधाओं से युक्त कुल १७७ कमरे हैं,जिनमें एक दिन रहने की सुविधा के लिए AC कमरे का दानरूप में शुल्क अधिकतम ६०० रुपये है तथा NON AC कमरे का दानरूप में शुल्क ४५० रुपये है, जिसमें २ लोग रह सकते हैं। गरीबों एव जरूरतमंदों को मुफ्त और मामूली दर पर आवास की सुविधा दी जाती है। यहाँ करीब ५०० से ज्यादा दर्दी एव उनके साथ आये हुए रिश्तेदार के लिए रहने की सुविधा है। अहमदाबाद के असारवा क्षेत्र में स्थित सिविल हॉस्पिटल एशिया की नंबर वन हॉस्पिटल है इसलिए यहाँ अन्य राज्यों से लोग अपना इलाज करवाने आते है।

दर्दी सहायक ट्रस्ट,सिविल अस्पताल,असारवा,अहमदाबाद :-
अहमदाबाद के असारवा क्षेत्र स्थित दर्दी सहायक ट्रस्ट जो सिविल अस्पताल के हर विभाग जैसे किडनी, कार्डियोलॉजी, कैंसर, स्त्रीरोग,पैराप्लेजिया आदि में मरीजों के इलाज और ऑपरेशन में मदद करने का काम करता है। जिसमें महंगे इंजेक्शन व अन्य महंगी दवाइयों के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, शाम जतिनभाई पटेल १,००,००० रुपए का चेक भेंट कर इस ट्रस्ट के सेवाकार्य में सहभागी बने। यह ट्रस्ट उन बहनों की भी मदद करता है जिन्होंने कोरोना काल में अपने पति या रिश्तेदारों को खो दिया हो, उन्हें रोजगार के लिए सिलाई मशीनें भी उपलब्ध कराता है।
श्री मगनभाई पटेल २५ वर्ष की आयु से वर्ष १९६७ से आज दिन तक यानि करीब ५८ सालो से अनेक सामाजिक संस्थानों में प्रमुख, चेरमेन एव मेनेजिंग ट्रस्टी जैसे उच्च पदों पर रहकर आज भी ८३ साल की आयु में समाज कार्य कर रहे है। आज अमरीका एव अन्य देशो में गैरकानूनी तौर पर बसे हुए भारतीयों को जिस तरह निकाला जा रहा है तब इस परिस्थिति का अंदाज उन्होंने कई साल पूर्व किया था। उनकी तीन बहने एव दो भाई ५० वर्ष पूर्व अमेरिका के सिटिज़न हो चुके है और आज अमेरिका में रहकर भी आध्यात्मिकता से जुड़े है और सामाजिक जीवन व्यतीत कर रहे है । श्री मगनभाई पटेलने कई परिवारों को गैरकानूनी तौर अमेरिका जाने से रोका है और रोजगारोमुख बनाया है। श्री मगनभाई पटेल के एक सर्वे अनुसार श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज की करीब १० जितनी संस्था और करीब ३०००० जितने घरोमेसे कोई भी व्यक्ति गैरकानूनी तौर पर अमेरिका गया हुआ मालूम नहीं पड़ा है जो उनके विचारो का प्रतिबिम्ब है। श्री मगनभाई पटेल का पूरा परिवार USA सिटिज़न होने के बावजूद आज भारत में रहकर अपना व्यापार-उधोग कर रहे है। ईश्वरने समाज सेवा की प्रेरणा दी और देशवासिओने काम करने की तक दी उनके लिए श्री मगनभाई पटेल एव श्रीमती शांताबेन मगनभाई पटेल देशवासिओ का आभार प्रगट करते है।
श्री मगनभाई पटेल सामाजिक संगठनों को भारी दान देकर एव संगठनों के प्रबंधन में सक्रिय रहकर सच्चे अर्थों में देश की सेवा कर रहे हैं। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए तथा उनके मूल्यों को स्थापित करते हुए शाम और निधि पटेल की समाज सेवा आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। इस लेख का उद्देश्य केवल आज के युवाओं को प्रेरित करना तथा “मानव सेवा ही समाज सेवा है” के आदर्श वाक्य को सच्चे अर्थों में चरितार्थ करते हुए देश के विकास में सहभागी बनना है।
श्री मगनभाई पटेल के साथ करीब ४० सालो से जुड़े मिडिया कन्वीनर भवर केला एव श्री मगनभाई पटेल के पर्सनल सेक्रेटरी पराग दवेने इस समाजसेवी श्रीमंत परिवार के सेवाकार्य आप के समक्ष इसलिए प्रस्तुत किया है ताकि आज के युवावर्ग इससे प्रेरणा ले सके एव सच्चे अर्थ में देश सेवा करके अपने जीवन को सार्थक कर सके।