पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास दूसरों को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और उन्होंने सिंधु नदी के पानी में अपना वैध हिस्सा मांगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, उन्होंने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के स्थान पर यमुना सतलुज लिंक (वाईएसएल) नहर का विचार भी रखा।
एसवाईएल नहर मुद्दे पर यहां श्रम शक्ति भवन में आयोजित बैठक में भाग लेते हुए मान ने कहा कि पंजाब के पास दूसरों को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में पानी की उपलब्धता का अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में भूजल की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य की अधिकांश नदियां सूख चुकी हैं, इसलिए सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के पास कम मात्रा में जो पानी है उसे किसानों को मुहैया कराया जा रहा है और ऐसी स्थिति में किसी अन्य राज्य को पानी की एक बूंद भी देने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि के निलंबन से जो अवसर खुला है, उसका राज्य की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उचित उपयोग किया जाना चाहिए। मान ने कहा कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) से पानी लाने के प्रयास किए जाने चाहिए।