मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस की हिंदू आतंकवाद की साजिश ध्वस्त हो गई है। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाले कर्नल पुरोहित पर आरोप लगाया गया था। प्रज्ञा ठाकुर पर ब्लास्ट में अपनी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि उसके बाद वह चल नहीं सकती थीं। यह विशुद्ध वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस की साजिश थी। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। हिंदू आतंकवाद को देश के ऊपर जबरन थोपने का कांग्रेस पार्टी का षड्यंत्र आज धराशायी हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कर्नल पुरोहित एक बहुत ही डेकोरेटेड आर्मी ऑफिसर था, जिसने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी, उसको फंसाया गया। बहुत ही अच्छी साध्वी, नेत्री प्रज्ञा ठाकुर पर आरोप लगाया गया था कि उनकी मोटरसाइकिल से बम लाया गया था। उनको 10-12 दिन तक इतना प्रताड़ित किया गया कि बाद में उनका चलना भी मुश्किल हो गया था।
भाजपा नेता ने साफ तौर पर कहा कि ये कांग्रेस की एक सोची हुई रणनीति थी, वो भी शुद्ध वोटबैंक के लिए। ये षड्यंत्र धराशायी हुआ, इस पर हमें खुशी भी है और संतोष भी है। भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और खुशी का भी, क्योंकि यूपीए सरकार ने सरकारी संस्थाओं के दुरुपयोग का खेल खेला था। यूपीए सरकार ने आतंकवाद के एक नए रूप को जन्म दिया था, जिसे उन्होंने ‘हिंदू आतंकवाद’ कहना शुरू कर दिया था। यूपीए सरकार के इस कथन को सही साबित करने के लिए उन्होंने सनातन प्रवृत्ति के नेताओं को झूठे आरोपों में जेल में डाल दिया। आज यह सिद्ध हो गया है कि ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसी कोई चीज़ नहीं होती… एक हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता, और अगर कोई आतंकवादी है, तो वह हिंदू नहीं हो सकता’ – यह कथन आज सार्थक साबित हुआ है।
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भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा कि यह बहुत अच्छा फ़ैसला है और हम सब खुश हैं। यह लड़ाई 17 साल से चल रही थी, और साध्वी प्रज्ञा सिंह, हमारे पुणे के कर्नल प्रसाद पुरोहित और अन्य लोगों पर भगवा आतंकवाद कहकर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। हमने देखा है उन्होंने क्या किया, साध्वी प्रज्ञा… लेकिन आज न्याय हुआ है। मैं न्यायपालिका को बधाई देती हूँ। मुझे बहुत दुख है कि जब भी आतंकवाद का मुद्दा उठता है, अलग-अलग नाम सामने आते हैं। सबको पता है कि आतंकवाद कहाँ पनपता है और उसका आका कौन है। फिर भी, कांग्रेस के नेताओं ने हमेशा यह कहकर इसे संतुलित करने की कोशिश की है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आतंकवाद धर्म के आधार पर हो रहा है। पहलगाम में लोगों को उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। क्या वह धार्मिक आतंकवाद नहीं था? इसे संतुलित करने के लिए झूठे आरोप लगाए जाते हैं।