प्रख्यात गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें संदेह है कि निकट भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार होगा।
दक्षिण अफ्रीका के सत्य एवं सुलह आयोग का उल्लेख करते हुए अख्तर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने विभाजन के बाद ऐसा ही अवसर खो दिया था।
उन्होंने कहा कि विभाजन कारण दोनों तरफ बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ था।
सत्य एवं सुलह आयोग एक ऐसी प्रक्रिया थी, जिसके कारण रंगभेद के पीड़ितों और शोषक वर्ग को एक साथ आने का मौका मिला।
फिल्म समीक्षक-लेखिका भावना सोमाया द्वारा लिखित पुस्तक “फेयरवेल कराची” के विमोचन के अवसर पर उन्होंने कहा, “सुलह के लिए अब कुछ देर हो गई है। भारत में हमारे लोग ही जानते हैं कि 1947-48 के बाद उनके साथ क्या हुआ था। वहां के लोग जानते हैं कि उनके साथ क्या हुआ था। काश वे सभी एक बार साथ बैठते… 75 साल हो गए हैं, वे अब 90 साल से ज्यादा उम्र के होते। उनमें से कितने जीवित होते?”
अख्तर (80) ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को 1950 के दशक के प्रारंभ या मध्य में दोनों पक्षों के शरणार्थियों को एक साथ लाना चाहिए था और उन्हें अपनी यादें साझा करने का मौका देना चाहिए था।
उन्होंने कहा, “तभी हमें सही मायने में पता चल पाता कि किसके साथ क्या हुआ और कितने लोगों को किस तरह के अत्याचारों का सामना करना पड़ा। यह एकतरफा नहीं रहता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वैसे भी, मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में राजनीतिक रूप से स्थिति बेहतर होगी।