Sunday, October 5, 2025
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मोदी का पॉडकास्ट विमर्श स्थापित करने की कला सिखाने वाला ‘मास्टरक्लास’ : डेरेक ओ ब्रायन

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक ‘मित्रवत साक्षात्कारकर्ता’ के साथ हालिया पॉडकास्ट एक ‘मास्टरक्लास’ था, जिसमें सिखाया गया कि किस तरह से विमर्श स्थापित करने का प्रयास किया जाता है।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ओ ब्रायन ने अपने ब्लॉगपोस्ट में पॉडकास्ट के प्रमुख शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि मोदी ने साझा किया कि कैसे वह उपवास कर रहे ‘स्वामीजी’ की देखभाल के लिए परिवार की एक शादी में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्हें उपवास कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने का समय नहीं मिला।

ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा एक मित्रवत साक्षात्कारकर्ता को दिया गया पॉडकास्ट, इस बात का मास्टरक्लास था कि किस तरह से विमर्श को स्थापित करने का प्रयास किया जाए। हल्के-फुल्के सवाल। कोई फॉलो-अप नहीं।’’

अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में मोदी ने कई मुद्दों पर बात की और कहा कि उनका प्रारंभिक जीवन अत्यधिक गरीबी में बीता।

ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पॉडकास्ट पर दस मिनट का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जीवन के उच्च उद्देश्य की खोज की – इस खोज में उन्होंने अपनी शारीरिक शक्ति का परीक्षण किया। यह सब बहुत नेक है।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘अब हकीकत यह है कि 2014 से 2023 के बीच सीवर और सेप्टिक टैंक साफ करते हुए 736 लोगों की मौत हो गई। 67 लाख बच्चे हर दिन बिना भोजन के रहते हैं। हर दिन तीस किसान आत्महत्या करते हैं।’’

ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बताया कि बचपन में उन्होंने एक पारिवारिक शादी में शामिल न होकर स्वामीजी की देखभाल की थी, जो अनशन पर थे। बहुत विचारणीय… किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और अन्य अधिकारों की मांग को लेकर 100 दिनों से अधिक समय से अनशन पर हैं। फिर भी प्रधानमंत्री ने उनसे मुलाकात नहीं की है।’’

तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर प्रतिबंध लगाते समय सरदार पटेल ने कहा था कि संघ के सदस्यों द्वारा अवांछनीय और खतरनाक गतिविधियां की गई हैं तथा यह पाया गया है कि देश के कई हिस्सों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य आगजनी, लूट, डकैती और हत्या जैसी हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं और उन्होंने अवैध हथियार और गोला-बारूद एकत्र किया है।’’

उन्होंने सवाल किया कि मोदी ने साक्षात्कारकर्ता से कहा कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने कितनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है?

ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘उनके कार्यकाल में आलोचकों और कार्यकर्ताओं को यूएपीए (गैरकानून गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) जैसे कानूनों के तहत गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, 2014 से 2022 के बीच दोषसिद्धि दर केवल 2.54 प्रतिशत है।’’
उन्होंने सिद्दीकी कप्पन, स्टेन स्वामी और उमर खालिद का जिक्र किया, जिन्हें यूएपीए के तहत जेल भेजा गया। स्वामी की मौत जमानत का इंतजार करते हुए हुई थी।

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