Wednesday, February 12, 2025
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मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही दोस्त ट्रंप ने ऐसे ऑर्डर पर किया साइन, खिलखिला उठेगा गौतम अडानी का चेहरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी फ्रांस के दौरे पर हैं। वहां वो एआई समिट में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं। वहां से प्रधानमंत्री अपने विशेष विमान में बैठकर वाशिंगटन पहुंचेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का प्लेन अमेरिका में लैंड करता उससे पहले ही उनके दोस्त और अमेरिकीन प्रेसिडेंट ट्रंप ने एक ऐसे आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिससे भारतीय उद्दोगपति गौतम अडानी के चेहरे खिल उठे होंगे। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने करीब 50 साल पुराने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (एपसीपीए) को निलंबित कर दिया है। इससे विदेशों में व्यापार के लिए रिश्वत देना अपराध नहीं रहेगा। यह वही अधिनियम है जिसके तहत उद्योगपति गौतम अडानी पर आरोप लगाया गया है। 

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ट्रंप ने आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि ये कानून वैश्विक मंच पर कंपनियों को नुकसान में डालता है। इसके अलावा, उन्होंने नवनियुक्त अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी को एफसीपीए के तहत की गई कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का आदेश दिया। इसमें अमेरिकी व्यक्तियों और कंपनियों के मुकदमे शामिल हैं जिन पर न्याय विभाग (डीओजे) ने अन्य देशों में व्यापार हासिल करने के प्रयासों में विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने कहा कि कागज़ पर तो ये अच्छा लगता है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर यह एक आपदा है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई अमेरिकी किसी विदेशी देश में जाता है और वहां कानूनी रूप से व्यापार करना शुरू कर देता है, तो यह लगभग एक गारंटीकृत जांच अभियोग है, और कोई भी इसके कारण अमेरिकियों के साथ व्यापार नहीं करना चाहता है।

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आपको बता दें कि एफसीपीए 1977 का एक कड़ा कानून है। जिसे अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को विदेशी सराकरी अधिकारियों को बिजनेस में फायदा उठाने के लिए रिश्वत देने से रोकता है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय बिजनेस में नैतिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। ट्रंप के इस पर रोक के बाद अडानी ग्रुप को भी बड़ी राहत मिलेगी, जिसके खिलाफ एफसीपीए के तहत ही मामला चल रहा है। आपको बता दें कि एफसीपीए के तहत की गई कार्रवाइयों को तब तक रोकने का आदेश दे रहे हैं, जब तक कि वह नए प्रवर्तन दिशानिर्देश जारी नहीं करती हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कानून को खत्म करने की कोशिश की थी।  

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अडानी पर क्या आरोप लगाए गए थे?

20 नवंबर को यूएस एसईसी और डीओजे ने एफसीपीए के उल्लंघन में कथित $250 मिलियन की रिश्वत योजना के संबंध में भारतीय अरबपति गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अदानी, एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के व्यापार सहयोगी सिरिल कैबेन्स और अन्य वरिष्ठ व्यापार अधिकारियों के खिलाफ समानांतर आरोपों की घोषणा की। एसईसी ने आरोप लगाया कि अदानी ने भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहते हुए मजबूत रिश्वत विरोधी उपायों को गलत तरीके से पेश करके अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया। कथित घटना सितंबर 2021 में अदानी ग्रीन द्वारा बांड की पेशकश के दौरान हुई, जिसमें अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर सहित 750 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे। 

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