रूस ने पहली बार ऐसा ऐलान किया है जो अमेरिका के खिलाफ भारत को मजबूती देगा। रूस ने ये ऐलान करके भारत और दुनिया को अकड़ दिखा रहे ट्रंप का सही इलाज किया है। पुतिन के इशारे पर रूस ने ये ऐलान तब किया है जब डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को धमका रहे हैं और रूस से तेल खरीद पर टैरिफ ठोक रहे हैं। लेकिन आखिर वक्त में पुतिन ने पूरा खेल ही पलट दिया। सबसे पहले तो रूस ने कहा कि ये भारत का अधिकार है कि वो किससे तेल खरीदना चाहता है। लेकिन इसके बाद भारत और रूस को कोस रहे अमेरिका के खिलाफ पुतिन ने पहली बार परमाणु जंग का रास्ता खोल दिया है। पुतिन का अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप पर ऐसा हमला है जिसका इंतजार सभी को होगा। इसके बाद अब मॉस्को से एक और बड़ा ऐलान हो गया है, जिसे सुनकर ट्रंप बौखला उठेंगे।
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आएँगे। मॉस्को में मौजूद डोभाल ने तारीखों का ज़िक्र नहीं किया, लेकिन इंटरफ़ैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार, यह दौरा अगस्त के अंत में होने की संभावना है। एनएसए डोभाल ने कहा कि हमारे बीच एक विशेष, दीर्घकालिक संबंध रहा है और हम इस संबंध को महत्व देते हैं। हमारे बीच उच्च-स्तरीय संपर्क रहे हैं और इन उच्च-स्तरीय संपर्कों ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बारे में जानकर हम बहुत उत्साहित और प्रसन्न हैं। मुझे लगता है कि अब तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं। यह यात्रा रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को लेकर नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच बढ़ते तनाव के बीच हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद को लेकर भारत से आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है।
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अमेरिका ने यह भी धमकी दी है कि अगर मास्को शुक्रवार तक यूक्रेन में युद्ध, जो अब अपने चौथे वर्ष में है, रोकने के लिए सहमत नहीं होता है, तो वह रूसी तेल खरीदारों पर द्वितीयक शुल्क लगाएगा। क्रेमलिन ने गुरुवार को कहा कि पुतिन आने वाले दिनों में ट्रंप से भी मिलेंगे। रूसी राष्ट्रपति के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि दोनों पक्ष एक बैठक की तैयारी में जुटे हैं और बैठक के लिए स्थान पर सहमति बन गई है, जिसकी घोषणा बाद में की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से रूस के साथ भारत के संबंधों पर की गई टिप्पणियों की वजह से ये यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।
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06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी। तब वे सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते शामिल थे। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर (2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए) सालाना ट्रेड का टारगेट रखा था। फरवरी 2022 में यूक्रेन वॉर शुरू होने के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इस विजिट से दोनों देशों के बीच 2030 के लिए नए आर्थिक रोडमैप को आगे बढ़ाने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने साल 2024 में दो बार रूस की यात्रा की थी।