प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने पर राष्ट्र को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने और शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता और श्रेष्ठता प्राप्त करना अपरिहार्य है, क्योंकि युद्ध में कोई “उपविजेता” नहीं होता।
दिल्ली रक्षा संवाद सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने कहा, यह मौलिक सत्य अटल है कि युद्ध हमेशा जीतने के बारे में होगा, चाहे उसके लिए भौगोलिक स्थिति का उपयोग किया जाए या प्रौद्योगिकी का। हमारा उत्तरदायित्व है कि जब भी संघर्ष की आशंका सामने आए तो हमारे पास राष्ट्र की रक्षा और निर्णायक जीत के लिए तकनीकी श्रेष्ठता हो।
उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध जीतने के लिए लड़ा जाता है और इसमें बहादुरी के लिए कोई सांत्वना पुरस्कार या रजत पदक नहीं होता। यह कठोर वास्तविकता सैन्य कमांडरों को हमेशा विरोधी पर हर संभव बढ़त हासिल करने के लिए प्रेरित करती है।
सीडीएस ने रेखांकित किया कि अतीत में जहां युद्ध की रणनीति मुख्य रूप से भूगोल पर निर्भर थी, वहीं अब धीरे-धीरे प्रौद्योगिकी का तत्व भूगोल पर हावी होता जा रहा है।
उन्होंने आगाह किया कि अंतरिक्ष अब मात्र एक सहायक क्षेत्र न रहकर एक निर्णायक युद्धक्षेत्र बन चुका है, जिसे प्रौद्योगिकियों की परिपक्वता के कारण अब लड़ा जा सकता है, संरक्षित किया जा सकता है और दुश्मन के लिए दुर्गम बनाया जा सकता है।

