Thursday, December 18, 2025
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ये छोटे सूअर…देसी अंदाज में Europe के नेताओं पर बुरी तरह भड़के पुतिन

 रक्षा मंत्रालय की सालाना बैठक में पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को सीधे सीधे पिगलेट्स यानी कि यंग पिग्स कह दिया। पुतिन ने कहा कि यूरोप के यंग पिग्स अमेरिका के इशारों पर रूस को तोड़ने के सपने देख रहे थे। लेकिन अब वो सपना पूरी तरह चकनाचूर हो चुका है। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों को उम्मीद थी कि रूस को कुछ ही समय में घुटनों पर ला दिया जाए। उसे टुकड़ों में बांट दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पुतिन ने साफ शब्दों में कहा कि पिछली अमेरिकी सरकार खासतौर बाइडन के दौर में यूरोप के यह नेता रूस के पतन से फायदा उठाना चाहते थे। पुराने हिसाब किताब का बदला लेना चाहते थे।

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नाटो देशों पर पुतिन ने एक और बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेटो जानबूझकर झूठ फैला रहा है कि रूस यूरोप पर हमला करने वाला है। पुतिन ने कहा कि यह सरासर बकवास है। रूस का यूरोप पर हमला करने का कोई इरादा नहीं। लेकिन डर का माहौल बनाकर अपने लोगों को भड़काया जा रहा है। हालांकि पुतिन ने यह भी चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन और उसके पक्ष में समर्थक बातचीत के मेज पर गंभीरता से नहीं आए तो रूस सैन्य ताकत के दम पर आगे बढ़ेगा। पुतिन ने कहा कि रूसी सेना हर मोर्चे पर आगे बढ़ रही है और अगर जरूरत पड़ी तो और इलाकों पर कब्जा किया जाएगा। रूस अपनी ऐतिहासिक जमीन वापस लेकर रहेगा। चाहे वह कूटनीति से हो या ताकत से। फिलहाल रूस यूक्रेन के करीब 19% इलाके पर कब्जा कर चुका है। जिसमें क्रीमिया, डोनबास, हरसोन और जापुरजिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

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मॉस्को इन्हें अपना हिस्सा मानता है। जबकि यूक्रेन और पश्चिमी देश इसे मानने को तैयार नहीं है। इधर रूस के रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि 2026 में हमले और तेज होंगे और रूस अपनी जीडीपी का बहुत बड़ा हिस्सा युद्ध पर खर्च करने को तैयार है। वहीं जवाब में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेस्की ने पश्चिमी देशों से एकजुट समर्थन की अपील की। कुल मिलाकर पुतिन ने यूरोपीय देशों को अपना संदेश दे दिया और अब देखा जा सकता है कि रूस और पश्चिम के बीच टकराव शब्दों और चेताविनियों के बेहद खतरनाक दौर में पहुंच चुका है। जहां पीछे हटने को कोई तैयार नहीं दिख रहा।

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