विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस आसन द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं। उपसभापति ने बताया कि ये नोटिस पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं पाए गए अत: इन्हें खारिज कर दिया गया है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
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विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया।
संसद के ‘मकर द्वार’ के निकट हुए इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के सांसद शामिल हुए।
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विपक्षी सांसदों ने एक बड़ा बैनर भी ले रखा था, जिस पर ‘डिस्कशन, नॉट डिलीशन’ (चर्चा करो, नाम नहीं हटाओ) लिखा हुआ था।
विपक्षी सांसदों ने ‘‘मोदी सरकार शर्म करो, शर्म करो’’ और ‘‘एसएआईआर वापस लो’’ के नारे लगाए।
विरोध प्रदर्शन से पहले विपक्षी नेताओं ने संसद भवन परिसर में बैठक की, जिसमें संसद के मानसून सत्र में आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।