केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) ने कहा है कि देशभर में समुद्री मछली उत्पादन में गिरावट के बीच महाराष्ट्र ने 2024 में इसमें (उत्पादन में) 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
इस वृद्धि का श्रेय राज्य मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास विभाग द्वारा उठाए गए नीतिगत उपायों और प्रवर्तन कार्रवाइयों को दिया जा रहा है।
मंगलवार को सीएमएफआरआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे के कार्यालय ने कहा कि दिसंबर, 2024 में जब राणे ने कार्यभार संभाला था तब से तटरेखा के किनारे अवैध मछली पकड़ने की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की गई है।
राणे के कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रमुख कदमों में से एक अनधिकृत मछली पकड़ने की निगरानी के लिए रणनीतिक तटीय स्थानों पर ड्रोन निगरानी प्रणाली की तैनाती शामिल थी।
इन ड्रोन ने अन्य राज्यों के ऑपरेटर द्वारा अवैध मछली पकड़ने और प्रतिबंधित एलईडी लाइट मछली पकड़ने के तरीकों के उपयोग को रोकने में मदद की।
बयान में कहा गया, ‘‘इन उपायों ने पांच महीनों के भीतर ही परिणाम दिखाने शुरू कर दिए, जो समुद्री मछली पकड़ने के आंकड़ों में तेज़ वृद्धि में दिखते हैं।’’
इसमें कहा गया है कि जहां भारत का कुल समुद्री मछली उत्पादन वर्ष 2023 के 35.3 लाख टन से लगभग दो प्रतिशत घटकर वर्ष 2024 में 34.7 लाख टन रह गया, वहीं महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।