Thursday, February 6, 2025
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रेलवे में नई तकनीक: हॉट बॉक्स डिटेक्टर से रोकी जाएगी ट्रेनों में आग की अफवाह और दुर्घटनाएं

06 02 2025 Jharkhand Train News

धनबाद: चलती ट्रेन में हॉट एक्सल (Hot Axle) कई बार बड़े हादसों का कारण बन सकता है। ट्रेन से हल्की चिंगारी या धुआं निकलने पर आग लगने की अफवाह तेजी से फैलती है, जिससे घबराए यात्री जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूद जाते हैं।

पिछले एक साल में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे अब नई तकनीक – हॉट बॉक्स डिटेक्टर (HBD) – का इस्तेमाल करने जा रहा है।

रेलवे ने धनबाद रेल मंडल के धनबाद-गया रेल मार्ग के परसाबाद और कोडरमा-बरकाकाना रेल मार्ग के पदमा स्टेशन पर हॉट बॉक्स डिटेक्टर लगाए हैं। इससे ट्रेन के पहियों की निगरानी होगी और दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।

क्या है हॉट एक्सल और यह क्यों खतरनाक होता है?

  • हॉट एक्सल तब होता है, जब ट्रेन के पहिए में लगातार घर्षण के कारण तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है।
  • यह समस्या बाल बेयरिंग की विफलता, ओवरलोडिंग या अन्य तकनीकी खामियों के कारण होती है।
  • हॉट एक्सल से ट्रेन के पहियों में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे यात्रियों में दहशत फैल सकती है।

कैसे काम करेगा हॉट बॉक्स डिटेक्टर?

हॉट बॉक्स डिटेक्टर स्टेशन के आउटर सिग्नल पर लगाया जाता है और यह ट्रेन के आते ही सक्रिय हो जाता है।

तकनीक का काम करने का तरीका:

  1. लेजर सेंसर – ट्रेन के पहियों के तापमान की निगरानी करेगा।
  2. ऑटोमेटिक अलर्ट सिस्टम – पहिए के तापमान में असामान्य वृद्धि होते ही रेलवे कंट्रोल को सूचना भेजेगा।
  3. मॉनिटरिंग सिस्टम – नजदीकी स्टेशन और संबंधित कर्मचारियों को भी अलर्ट मैसेज भेजेगा।
  4. डेटा रिकॉर्डिंग – यह ट्रेन के गुजरने के एक मिनट के अंदर उसकी स्पीड, प्रकार और तापमान अंतर का डाटा स्टोर कर लेगा।

तकनीक की विशेषताएं:

  • 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही ट्रेन के पहिए का तापमान मापने में सक्षम।
  • इन्फ्रारेड और प्रॉक्सिमिटी सेंसर से लैस।
  • ट्रैक के किनारे लगे उपकरण से सीधे रेलवे कंट्रोल रूम में सूचना भेजने की क्षमता।

पिछले एक साल में आग की अफवाह से हुई दुर्घटनाएं

1. पुष्पक एक्सप्रेस (22 जनवरी)

  • आग की अफवाह फैलने से कई यात्री चलती ट्रेन से कूद पड़े।
  • कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए और कुछ यात्रियों की मौत हो गई।

2. रांची-सासाराम एक्सप्रेस (14 जून)

  • धनबाद रेल मंडल के लातेहार कुमंडी स्टेशन के पास यह घटना हुई।
  • आग की अफवाह से यात्रियों ने ट्रेन से छलांग लगाई, जिससे दो लोगों की जान चली गई।

3. भागलपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस (24 फरवरी)

  • जामताड़ा के कालाझरिया के पास यात्रियों ने चलती ट्रेन से छलांग लगा दी।
  • इस हादसे में भी दो यात्रियों की मौत हो गई।

रेलवे अधिकारियों का क्या कहना है?

रेलवे का मानना है कि हॉट बॉक्स डिटेक्टर से ट्रेनों की सुरक्षा और परिचालन क्षमता में सुधार होगा।

सीनियर डीएमई (डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर) चंद्रशेखर प्रसाद के अनुसार:

“हॉट बॉक्स डिटेक्टर से यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की तकनीकी खराबी का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इससे परिचालन में होने वाली बाधाओं को कम करने और रेल यातायात को सुचारु रूप से बनाए रखने में मदद मिलेगी। आने वाले समय में अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी यह तकनीक लगाई जाएगी।”

 

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