भारतीय रेलवे ने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता रेल मार्गों पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ स्थापित करने की समय सीमा मार्च 2025 से बढ़ाकर दिसंबर 2025 कर दी है। रेलवे बोर्ड द्वारा 1 फरवरी 2025 को जारी बजट दस्तावेजों के अनुसार, कवच संस्करण 4.0 के तहत 3,000 किलोमीटर रेल मार्ग पर ट्रैकसाइड उपकरण लगाने का कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा, जबकि शेष रेलखंडों पर कार्य प्रगति पर है।
स्वदेशी तकनीक ‘कवच’ का विस्तार
भारतीय रेलवे ने 2020 में स्वदेशी रूप से विकसित ‘कवच’ को राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली के रूप में अपनाया था। जुलाई 2024 में कवच संस्करण 4.0 के स्वदेशी विनिर्देश को मंजूरी दी गई थी, और अब 10,000 इंजनों पर कवच लगाने का कार्य शुरू हो चुका है।
रेल मंत्रालय के अनुसार, कवच एक जटिल प्रौद्योगिकी है जिसमें कई घटक शामिल हैं:
- पूरे रेलखंड पर RFID टैग
- संचार सुविधा के लिए दूरसंचार टावर
- पटरी के किनारे ऑप्टिकल फाइबर केबल
- प्रत्येक लोकोमोटिव पर ‘लोको कवच’
रेलवे नेटवर्क पर कवच की तैनाती तेज़ी से जारी
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, पूरे भारतीय रेलवे नेटवर्क पर ‘कवच’ को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। अनुसंधान, डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने जुलाई 2024 में कवच 4.0 को मंजूरी दी थी, जो अब उन्नत सुविधाओं के साथ लागू किया जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बजट 2025-26 पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगले छह वर्षों में पूरे भारतीय रेलवे नेटवर्क को ‘कवच’ से लैस कर दिया जाएगा।
इस परियोजना का उद्देश्य रेलवे सुरक्षा को आधुनिक तकनीक के माध्यम से मजबूत करना है, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके और यात्रियों को अधिक सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।