भारत विशेष रूप से दिल्ली ने 2020-2021 के किसान आंदोलन के दौरान राजमार्गों पर ट्रैक्टरों के काफिले की धमक को महसूस किया था। लेकिन अब देश की राजधानी दिल्ली से 6,707 किलोमीटर दूर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में सड़कों पर इस तरह ट्रैक्टरों का रेला नजर आया। मौका था ग्रामीण इलाकों से किसानों द्वारा अपने ट्रैक्टरों को लेकर ब्रिटिश राजधानी की ओर मार्च का। ब्रिटेन में कीर स्टारमर की लेबर सरकार के विरोध में हजारों किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर चक्काजाम किया। किसान लेबर सरकार की उत्तराधिकार कर योजना का विरोध कर रहे हैं, जो 1 मिलियन पाउंड (करीब 11 करोड़ रुपए) से अधिक मूल्य की कृषि भूमि पर 20% टैक्स लगाती है।
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इससे पारिवारिक फार्मों पर टैक्स छूट समाप्त जाएगी। सरकार ने बजट में घो की थी कि अप्रैल 2026 से योजना लागू होगी। इस मुद्दे पर 1.48 लाख से अधिक लोगों ने ई-पिटीशन पर हस्ताक्षर किए। यह रैली सेव ब्रिटिश फार्मिंग ने आयोजित की थी। विपक्षी नेता निगेल फराज ने पीएम स्टारमर से इस फैसले को जल्द से जल्द खत्म करने की मांग की है। सरकार ने प्रतिक्रिया में कहा कि किसानों के प्रति प्रतिबद्धता अडिग है, लेकिन सार्वजनिक वित्त को संतुलित करने के लिए सुधार आवश्यक हैं। अब इस विरोध प्रदर्शन को एक नया मोड़ आ गया है, क्योंकि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक एलन मस्क ने खुलकर ब्रिटिश किसानों के समर्थन में बयान दिया है। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ब्रिटिश किसानों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि यह कर नीति अनुचित है और किसानों की आजीविका को बर्बाद कर देगी।
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विरासत कर में बदलाव का विरोध
लेबर सरकार द्वारा विरासत कर में प्रस्तावित बदलावों के विरोध में सैकड़ों किसानों के साथ ट्रैक्टर लंदन में घूमे। नई नीति में 1 मिलियन पाउंड से अधिक मूल्य के खेतों पर 20% का विरासत कर शामिल होगा, जिसने कृषक समुदाय को नाराज कर दिया है। बीबीसी के अनुसार, प्रस्तावित कर अप्रैल 2026 से लागू होगा। यूके स्थित इंडिपेंडेंट के अनुसार, ब्रिटिश फार्मिंग बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित लंदन में मार्च, चांसलर राचेल रीव्स द्वारा पिछले साल नीति की घोषणा के बाद से तीसरा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन था।