मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर दो नवंबर को होने वाली सर्वदलीय बैठक लोकतंत्र को सुरक्षित रखने का एक प्रयास है और सभी दलों को राजनीतिक मतभेद भुलाकर इसमें शामिल होना चाहिए।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके सहयोगी एसआईआर का विरोध करते रहे हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में तमिलनाडु सहित अन्य चुनाव वाले राज्यों में अगले महीने से पुनरीक्षण लागू करने की घोषणा के बाद सरकार ने आगे की कार्रवाई तय करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस अभ्यास के माध्यम से तमिलनाडु के लोगों के मतदान के अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, मैं इस मंच से दोहराता हूं कि मतदान लोकतंत्र का आधार है। हम इसे किसी भी कीमत पर कुर्बान नहीं करेंगे। हम मतदान के अधिकार छीनने और वोट चोरी जैसे भाजपा के प्रयासों पर काबू पाएंगे और तमिलनाडु के लोगों के मतदान के अधिकार की रक्षा करेंगे।
स्टालिन ने कहा कि केरल हमारे साथ जुड़ गया है, उनका स्पष्ट संदर्भ उस राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के एसआईआर के विरोध से था।
प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक के बारे में स्टालिन ने कहा, लोकतंत्र की रक्षा के उद्देश्य से किए जा रहे इस प्रयास में सभी राजनीतिक दलों को अपने राजनीतिक मतभेद भुलाकर भाग लेना चाहिए।

