बजट 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. बजट पूर्व सर्वे में पता चला है कि लोगों को सरकार से कोई खास उम्मीदें नहीं हैं. यह भी अनुमान है कि बजट 2025-26 में कोई विशेष संशोधन नहीं होगा. सी-वॉटर के सर्वे में ज्यादातर लोगों ने कहा कि महंगाई के कारण जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. और मौजूदा सरकार को इस स्थिति में कोई खास सुधार की उम्मीद नहीं है.
प्री-बजट सर्वे में सी-वॉटर ने देश के अलग-अलग हिस्सों से 5269 लोगों से बातचीत की. जिसमें 2/3 लोगों ने कहा कि वे महंगाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के राज में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। जबकि 50 फीसदी लोगों ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण जीवन स्तर पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इससे उच्च स्तर का जीवन जीना कठिन हो गया है।
ये साल भी ख़राब रहेगा
इस सर्वे में 50 फीसदी लोगों ने अनुमान लगाया है कि स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आएगा. उनके मुताबिक आमदनी जस की तस रहेगी, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. लेकिन पिछले साल लागत लगातार बढ़ी है. आम लोगों के लिए बढ़ती लागत का प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है। 37 फीसदी लोगों ने कहा है कि उन्हें इस साल भी इस स्थिति में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है. इसके अलावा अगले साल का राजस्व और व्यय संतुलन भी खराब होने की आशंका है।
जीडीपी ग्रोथ में गिरावट का अनुमान
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन वित्त वर्ष में इसकी ग्रोथ पिछले चार साल में सबसे कम रहने का अनुमान है. इस सप्ताहांत पेश होने वाले बजट में मोदी सरकार जीडीपी ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए कुछ खास कदम उठा सकती है. साथ ही आय में वृद्धि और महंगाई पर नियंत्रण के प्रयास होंगे। गौरतलब है कि भारत में इस समय बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। सरकार को नये रोजगार सृजन के लिए कुछ विशेष उपाय भी करने चाहिए।