लॉस एंजिलिस 2028 ओलंपिक में तीन साल से भी कम समय बचा है और ऐसे में स्टार भारतीय मुक्केबाज जैसमीन लंबोरिया ने मंगलवार को कहा कि हाल ही में लिवरपूल में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद अब वह अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल खेलों के महाकुंभ की तैयारी के लिए करेंगी।
जैसमीन ने 57 किग्रा वर्ग के फाइनल में पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता जूलिया सेरेमेटा को हराकर पदक के अपने लंबे इंतजार को खत्म किया। जैसमीन साथी स्वर्ण पदक विजेता मीनाक्षी हुड्डा, निकहत जरीन और नूपुर श्योराण सहित टीम की अन्य साथियों सहित यहां पहुंचीं। भारतीय महिला मुक्केबाजों ने विदेशी धरती पर विश्व चैंपियनशिप में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
विश्व चैंपियनशिप में तीसरे प्रयास में सफलता हासिल करने वाली 24 वर्षीय जैसमीन ने कहा, ‘‘यह अच्छा लगता है और स्वर्ण पदक जीतना अपने आप में बेहद खुशी की बात है। मेरे कोच ने मेरे खेल को बेहतर बनाने में मेरी बहुत मदद की है। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं।’’
दिग्गज भारतीय मुक्केबाज और एशियार्ठ खेलों के दो बार के स्वर्ण पदक विजेता हवा सिंह की रिश्तेदार जैसमीन ने कहा, ‘‘मैं दो बार पदक से चूक गई लेकिन अब मैंने स्वर्ण पदक के साथ वापसी की है इसलिए यह बहुत संतोषजनक है। हां, प्रशिक्षण उसके (ओलंपिक पदक) लिए होगा और मेरे कोच मेरी तकनीकी ट्रेनिंग पर उसी के अनुसार काम करेंगे।’’
जैसमीन के कोच संदीप लंबोरिया ने लॉस एंजिलिस में उनके पदक जीतने का भरोसा जताया।
संदीप ने कहा, ‘‘यह (प्रदर्शन) शानदार था। हमारा मुख्य लक्ष्य लॉस एंजिलिस 2028 ओलंपिक है। वह ओलंपिक भार वर्ग में पदक जीतने वाली एकमात्र लड़की है। वह 2028 में धूम मचाएगी।’’
विश्व चैंपियनशिप में 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान की नाजिम काइजेबे को हराकर स्वर्ण पदक जीतने वाली मीनाक्षी ने कहा कि उनकी नजरें नवंबर में भारत में होने वाले विश्व कप पर टिकी हैं। मीनाक्षी ने विश्व चैंपियनशिप में पदार्पण किया था।
मीनाक्षी ने कहा, ‘‘विश्व कप नवंबर में भारत में होगा और मैं वहां भी स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती हूं। कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता और मुझे अपने कौशल पर काम करना होगा और कड़ी मेहनत करनी होगी। हार से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जीतने के बाद आप कुछ दिनों के लिए खुश रहते हैं लेकिन हार से बहुत कुछ सीखते हैं। यह मेरी पहली विश्व चैंपियनशिप थी। मैं बहुत खुश हूं।’’
लिवरपूल में रजत पदक जीतने वाली नूपुर ने कहा कि भारत के दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य सहित चार पदक जीतने से टीम को विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास मिला है।
नूपुर ने कहा, ‘‘वहां हमारा अनुभव अच्छा रहा। भारत कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रहा। हमने चार पदक जीते। अब भारत नवंबर में विश्व कप की मेजबानी करेगा और हम देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने की कोशिश करेंगे।’’
कांस्य पदक जीतने वाली पूजा रानी (80 किग्रा) ने कहा कि हवाई अड्डे पर दल को मिले सम्मान से वह अभिभूत हैं।
पूजा ने कहा, ‘‘इतने सारे लोग हमारा स्वागत करने आए हैं। हमें इतना सम्मान मिला है। यह मेरी चौथी विश्व चैंपियनशिप थी। मुझे पहली बार पदक मिला है। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। हम भविष्य में और बेहतर करेंगे।’’
शीर्ष भारतीय मुक्केबाज और विश्व चैंपियनशिप की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता निकहत जरीन ने कहा कि पदक चूकने की निराशा के बावजूद वह कड़ी मेहनत जारी रखेंगी।
निकहत ने कहा, ‘‘मेरा मंत्र हमेशा कड़ी मेहनत करना रहा है, चाहे मेरे सामने कितनी भी चुनौतियां क्यों न आएं। इस विश्व चैंपियनशिप में मैं तुर्की की नंबर एक मुक्केबाज से क्वार्टर फाइनल में हार गई। मुझे कोई पछतावा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि मेरी तैयारी ठीक नहीं थी लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं। विश्व चैंपियनशिप हर साल होती है। मैं निराश और दुखी नहीं होना चाहती। कोई बात नहीं। मैं और मजबूत होकर वापसी करूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी।’’
निकहत ने कहा, ‘‘मेरा एकमात्र लक्ष्य लॉस एंजिलिस में ओलंपिक पदक जीतना है। मुझे खुद पर भरोसा बनाए रखना है। पेरिस तो चला गया। मेरा अगला लक्ष्य लॉस एंजिलिस है।