Monday, October 6, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयशब्दों से मत खेलिए, तब चुप क्यों थे...तेज प्रताप मामले को लेकर...

शब्दों से मत खेलिए, तब चुप क्यों थे…तेज प्रताप मामले को लेकर लालू पर JDU का वार

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संरक्षक लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को उनके गैर-जिम्मेदाराना आचरण और परिवार के मूल्यों और सार्वजनिक शिष्टाचार से विचलन का हवाला देते हुए पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। यह घटना फेसबुक पर 37 वर्षीय तेज प्रताप द्वारा एक कथित पोस्ट के एक दिन बाद हुई, जिसमें अनुष्का यादव के साथ उनके लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते के बारे में बताया गया था, जिसमें कहा गया था कि वे पिछले 12 सालों से प्यार करते हैं और रिलेशनशिप में हैं। 
 

इसे भी पढ़ें: लालू यादव का सख्त फैसला, बेटे तेज प्रताप को पार्टी से निकाला, Tejashwi Yadav ने दी प्रतिक्रिया

अब पूरे मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने राजद पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप लालू यादव के बेटे हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने अनुशासनहीनता दिखाई है। जब बिहार के पूर्व सीएम दरोगा प्रसाद राय की पोती के साथ अपराध हुआ था, तब लालू यादव चुप थे। तेजस्वी यादव को उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा को लिखना चाहिए। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है और सदन से निकाल दिया गया है और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि वे मेरे बड़े भाई हैं। शब्दों से मत खेलिए। सदस्यता समाप्त करने के लिए सीधे आवेदन दीजिए। 
 

इसे भी पढ़ें: पारिवारिक मूल्यों के उल्लंघन पर सख्त Lalu Prasad Yadav, बेटे तेज प्रताप को RJD से 6 साल के लिए निकाला

लालू ने एक्स पर लिखा था कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूँ। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments