संसद के उच्च सदन ने सोमवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका आज लंबी बीमारी के बाद राष्ट्रीय राजधानी में निधन हो गया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्री सोरेन एक विशिष्ट आदिवासी नेता थे। दिशोम गुरु के रूप में प्रसिद्ध और जनता के बीच ‘गुरुजी’ के नाम से लोकप्रिय, वे आदिवासी लोगों के अधिकारों और विकास के संघर्ष में एक अग्रणी आवाज थे।
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सदन के सदस्यों ने सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखा। लोकसभा ओम बिरला ने भी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की और आदिवासी समुदायों और अपने गृह राज्य के विकास में उनके योगदान को याद किया। बिरला ने आज एक्स पर पोस्ट किया कि राज्यसभा सांसद, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन का निधन अत्यंत दुखद है। आदिवासी समाज और झारखंड राज्य के विकास के साथ-साथ सार्वजनिक जीवन में भी उनका गहरा प्रभाव था। मैं शोकाकुल हेमंत सोरेन और उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ।
अध्यक्ष ने कहा कि मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार एवं समर्थकों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद आज 81 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में निधन हो गया। झारखंड के मुख्यमंत्री और उनके पुत्र हेमंत सोरेन ने एक्स पर एक पोस्ट में उनके निधन की पुष्टि की। हेमंत सोरेन ने कहा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए हैं। आज मैं बहुत दुखी हूँ।
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शिबू सोरेन ने 38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व किया और उन्हें पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में जाना जाता है। वे झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री थे। चार दशक के राजनीतिक करियर में, सोरेन आठ बार लोकसभा के लिए चुने गए और दो बार राज्यसभा सांसद रहे। इस बीच, विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही भी आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान सदन के आसन के समक्ष तख्तियां दिखाईं और नारेबाजी की, जिसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।