श्रम मंत्रालय जल्द ही ऑनलाइन मंचों से जुड़े एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पेंशन योजना लाने को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगेगा। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत हर लेनदेन से हुई आय से सामाजिक सुरक्षा योजना में योगदान दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में पेश किए गए आम बजट में ऑनलाइन मंच से जुड़े एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू करने की घोषणा की थी।
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार उन्हें पहचान पत्र देगी और ई-श्रम पोर्टल पर उनके पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगी।
उन्होंने आगे कहा था कि इन श्रमिकों को पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधा दी जाएगी।
इस कदम से लगभग एक करोड़ गिग श्रमिकों को मदद मिलने की संभावना है।
इस कदम से अमेजन, जोमैटो जैसे ऑनलाइन मंचों से जुड़े श्रमिकों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों की सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिलने में मदद मिलेगी।
सूत्रों ने कहा कि श्रम मंत्रालय एक ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसके तहत ओला, उबर जैसे ऑनलाइन मंच इन श्रमिकों की आय पर हर लेनदेन पर प्रतिशत के रूप में सामाजिक सुरक्षा अंशदान काट लेंगे।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत श्रमिकों को सेवानिवृत्ति के समय दो विकल्प दिए जा सकते हैं, जब उनकी पेंशन तय हो जाएगी। वे जमा पर ब्याज को पेंशन के रूप में निकाल सकते हैं या संचित धन को निर्धारित अवधि के लिए बराबर किस्तों में विभाजित कर सकते हैं।
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए योगदान की जाने वाली राशि अभी तय नहीं की गई है। गिग श्रमिक एक साथ दो या अधिक मंचों के लिए काम कर सकते हैं।