कुछ दिन पहले सिंगापुर में पूर्वोतर भारत महोत्सव के दौरान असम के मशूहर सिंगर जुबीन गर्ग की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। जुबीन के परिवार ने सीआईडी के पास शिकायत दर्ज करवाई है। फिलहाल जुबीन के परिजनों ने उनकी मौत की जांच करवाने की मांग की है। जुबीन की पत्नी गरिमा गर्ग, चाचा मनोज बोरठाकुर और पामी बोरठाकुर ने असम सीआईडी के पास अर्जी डाली है।
परिवार को किस पर शक है
आपको बता दें कि, जुबीन गर्ग सिंगापुर में आयोजित नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में पहुंचे थे। इस इवेंट का आयोजन स्यामकानु महंत ने किया था। वहीं, सिंगर के मैनेजर सिद्धार्थ भी जुबीन के साथ सिंगापुर गए थे। सूत्रों के मुताबिक, सिंगापुर में रहने वाले असम के लोगों ने जुबीन गर्ग को एक याच पार्टी में भी बुलाया था। अब जुबीन के परिवार ने उनकी मौत की जांच करने की मांग करते हुए असम आपराधिक जांच विभाग CID के पास शिकायत दर्ज की है। जिसके बाद सीआईडी ने शिकायत स्वीकार कर ली है।
SIT ने भेजा समन
जुबीन के मौत के बाद जांच करने के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। इसके अलावा, SIT ने मैनेजर सहित मंहत को भी समन भेजा है। बताया जा रहा है कि 6 अक्टूबर को दोनों से पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही सिंगापुर जुबीन के साथ जाने वाले एक दर्जन लोगों को भी समन जारी कर दिया गया है।
मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने लिखा ओपन लेटर
एक ओपन लेटर में, सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि, आम धारणा के विपरीत, ज़ुबीन गर्ग के रिकॉर्ड किए गए अधिकांश कार्य, अनुमानित 38,000 गाने, विभिन्न संगीत लेबल और प्रोडक्शन हाउस के अनुबंधित स्वामित्व में हैं। सिद्धार्थ ने लिखा, “ज़ुबीन दा के लगभग सभी गाने, यहां तक कि सबसे बड़े ब्लॉकबस्टर गाने भी, मेरे उनके जीवन में आने से पहले ही बन चुके थे। वे अक्सर इस बात पर अफसोस करते थे कि उन्हें कितना कम पैसे दिए गए, निर्माता और लेबल करोड़ों कमा रहे थे जबकि उन्हें बहुत कम पैसे मिलते थे। इसकी पुष्टि उन कंपनियों से सीधे की जा सकती है।”
जान से मारने की धमकी मिल रही हैं
मैनेजर ने आगे कहा है कि- वह अधिकारियों और अपने परिवार के सामने एक-एक पैसे का हिसाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा, “जैसे ही मेरी सुरक्षा का आश्वासन मिलेगा और तथ्य प्रस्तुत करने का उचित अवसर मिलेगा, मैं गुवाहाटी आऊंगा और एसआईटी और जनता के सामने अपना पक्ष रखूंगा। मीडिया ने मुझे तुरंत एक अपराधी के रूप में पेश करना शुरू कर दिया, और मुझे जान से मारने की धमकियां, नफ़रत भरे संदेश और गालियां मिलने लगीं। दोस्तों और परिवार ने मुझसे गुवाहाटी न आने का आग्रह किया और मुझे दिल्ली में ही रहना पड़ा।”