राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को तेलंगाना सरकार के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा कि पिछले साल अभिनेता अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की सिफारिश क्यों नहीं की जानी चाहिए।
वकील रामा राव इम्माननी की शिकायत पर यह नोटिस जारी किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि थिएटर में अल्लू अर्जुन के प्रवेश करने पर पुलिस के लाठीचार्ज और आवश्यक व्यवस्थाओं की कमी के कारण रेवती नामक महिला की मौत हो गई और उसका बच्चा घायल हो गया।
आयोग के निर्देश के बाद, शहर की पुलिस ने तीन मार्च, 2025 को एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच के दौरान पता चला कि कार्यक्रम की अनुमति खारिज कर दी गई थी और अल्लू अर्जुन के पास रोड शो की अनुमति नहीं थी तथा लाठीचार्ज के आरोप झूठे थे।
रिपोर्ट के अनुसार सिनेमाघर में सीमित पार्किंग और प्रवेश व निकास बिंदु समेत अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण भीड़ जमा हो गई और इसके परिणामस्वरूप दुर्घटना हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवसर पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने अप्रत्याशित भीड़ को प्रबंधित व नियंत्रित करने के लिए असाधारण कोशिश की और महिला के बेटे की जान बचाकर उसे अस्पताल पहुंचाया।
हालांकि, आयोग ने कहा कि वह यह समझने में विफल रहा है कि पुलिस ने भीड़, आरोपी अभिनेता, सिनेमाघर प्रबंधन को उस स्थान पर कार्यक्रम के लिए इकट्ठा होने ही क्यों दिया जबकि उसकी अनुमति नहीं थी।
आयोग ने मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि मृतक महिला के परिजन को मुआवजा देने की सिफारिश क्यों नहीं की जानी चाहिए। साथ ही, आयोग ने शहर की पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।