एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की तो पूरा देश झूम उठा। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले की सीमावर्ती चौकियों पर यह जश्न किसी त्योहार से कम नहीं था। ग्रामीणों ने बड़े परदे और मोबाइल स्क्रीन पर सांसें थामकर मैच देखा। भारतीय खिलाड़ियों के हर चौका-छक्के पर जहां ताली और ढोल-नगाड़ों की थाप गूंजती रही, वहीं निर्णायक क्षण में सेना के जवान भी गांववालों के साथ जश्न मनाते रहे।
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जैसे ही भारत ने विजयी रन बनाया, पूरा इलाका “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से गूंज उठा। ग्रामीण महिलाएं थालियां बजाने लगीं, बच्चे तिरंगा लहराते दौड़ पड़े और जवानों ने सीमा चौकियों पर सलामी दी। सीमा से लगे गांवों में देर रात तक ढोल-नगाड़ों, पटाखों और नृत्य का माहौल रहा। यह नजारा ऐसा था मानो हर दिल की धड़कन टीम इंडिया के साथ बंधी हो। जवानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मिठाई बांटी और जीत का जश्न साझा किया। पुंछ के एक ग्रामीण ने भावुक होकर कहा– “आज यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि देश की जीत है। सीमा पर खड़े हमारे जवानों के साथ मिलकर इसे मनाना गर्व की बात है।” यह नजारा पाकिस्तान तक भी गूंज गया, जहां भारत की जीत और पुंछ के जश्न ने दुश्मन को साफ संदेश दे दिया– चाहे खेल का मैदान हो या सीमा की चौकी, भारत हर जगह विजयी रहेगा।