बढ़ते क्षेत्रिए तनाव, चीन की आक्रमक गतिविधियों और पाकिस्तान की सीमा पार की साजिशों के बीच भारत अब किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है। इसी दिशा में रक्षा क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1.05 लाख करोड़ रुपए की रक्षा खरीद योजनाओं को हरी झंडी दिखा दी है। खास बात ये है कि ये सभी खरीद स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित प्रणालियों से किए जाएंगे। दरअसल, 3 जुलाई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक हुई, जिसमें 10 बड़े पूंजीगत रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
इसे भी पढ़ें: क्या इतिहास फिर से दोहराएगा, बस रोल रिवर्स हो जाएगा, अमेरिका -इजरायल से लड़ेगा तालिबान? कैसे बड़ा खेल कर गए पुतिन
सेना को मिलेगा स्वदेशी मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम
करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये की 10 रक्षा खरीद की जरूरत को मंजूरी मिली। ये मंजूरी स्वदेशी स्रोतों से होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आर्ड और मैकेनाइज्ड इंफेंट्री जब चलती है तो उसके एयर डिफेंस के लिए मैचिंग स्पीड वाला सिस्टम चाहिए जो मूव करते वक्त भी फायर कर सके। अभी आर्मी के पास सबसे नया एयर डिफेंस तंगुश्का है वह भी 90 के दशक का है।
इसे भी पढ़ें: असम में निवेश के अवसर, चाय व्यापार, पर्यटन की संभावनाओं को न्यूयॉर्क में किया गया प्रदर्शित
आधुनिक एयर डिफेंस की है ज़रूरत
अब आर्ड के पास नई जेनरेशन की गाड़ियां हैं जो तेज चलती है इसलिए एयर डिफेंस के भी मॉर्डनाइजेशन की जरूरत है। क्यूआरएसएएम रेंज करीब 30 किलोमीटर है। इसका प्लैटफॉर्म बीडीएल बना रहा है और इक्विपमेंट डीआरडीओ ने बनाया है। यह टैंक की तरह दिखेगा जिसमें मिसाइल फायर करने का लॉन्चर होगा। सेना को इसकी तीन रेजिमेंट मिलेगी। डीएएस ने बख्तरबंद रिकवरी वीइकल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, तीनों सेनाओं के लिए साझा इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम की खरीद को भी मंजूरी दी। ये खरीद ऑपरेशनल तैयारी को मजबूत करेंगी।