लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ चल रहे “झूठे और सुनियोजित अभियान” पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि वांगचुक पर पाकिस्तान और चीन से संबंध होने के आरोप निराधार हैं और इन्हें केवल उनके गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करने के लिए फैलाया जा रहा है।
गीतांजलि ने याचिका में बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत वांगचुक की हिरासत के बाद उनके खिलाफ गलत प्रचार किया गया। इसमें कहा जा रहा है कि उनके पाकिस्तान और चीन से संबंध हैं, जो पूरी तरह गलत है। उनका यह आंदोलन लद्दाख की संवेदनशील पारिस्थितिकी, ग्लेशियरों और स्थानीय लोगों की आजीविका की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह का प्रचार खतरनाक है और लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करता है। यह पर्यावरणीय आंदोलनों को “राष्ट्रविरोधी” दिखाने का प्रयास है। गीतांजलि ने अदालत से अपील की कि वांगचुक की गिरफ्तारी उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और लद्दाख की सामूहिक चेतना को भी चोट पहुँचाती है।
गीतांजलि ने वांगचुक के गांधीवादी चरित्र पर जोर दिया और बताया कि उन्होंने हमेशा अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से लद्दाख की परेशानियों, पिघलते ग्लेशियर और स्थानीय लोगों की संवैधानिक मांगों विशेष रूप से छठी अनुसूची के तहत संरक्षण और स्वायत्तता के लिए आवाज़ उठाई है।
बता दें कि सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख में बड़े प्रदर्शनों के बाद रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन प्रदर्शनों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई थी। प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हुई और लगभग 90 लोग घायल हुए। वांगचुक वर्तमान में राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद हैं।
उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में पर्यावरण कार्यकर्ताओं और सिविल सोसाइटी समूहों ने चिंता जताई है और इसे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलनों को दबाने की कोशिश बताया है।