जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ने विभाग के अंतर्गत कार्यरत सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर सरकारी नीतियों की आलोचना करने से बचने का निर्देश दिया है।
अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि निर्देश का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों को वेतन कटौती और सेवा से बर्खास्तगी सहित अन्य दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
शनिवार को जारी एक सर्कुलर में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जिले के स्कूल शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने, “बेबुनियाद बहस एवं चर्चाओं में शामिल होने से बचने और सोशल मीडिया मंचों पर अनुचित सामग्री न साझा करने” का निर्देश दिया है।
पुलवामा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद पारा ने सर्कुलर की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोगों को “आवाज उठाने से रोकता है।”
सर्कुलर में बारामूला के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि शुक्रवार को शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की ओर से सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग से जुड़े विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें विभाग के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप के समान हैं और “सरकार की ओर से 2023 में जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन करती हैं।