सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात से उसे पीड़ा होती है कि देश में लोगों को सांस्कृतिक और नस्ली भेदभाव का निशाना बनाया जाता है। कहा कि हम एक देश हैं। कहा कि लोगों के साथ सांस्कृतिक और नस्ली भेदभाव पर केंद्र सरकार को गंभीर होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की बेंच ने 2015 में दायर एक याचिका पर सुनवाई की। याचिका में देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों को नस्ली हमलों और अपमान से सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार के दखल की मांग की गई थी। साथ ही दिशा-निर्देश बनाने की भी मांग की गई थी।
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इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट के बाद सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एक खबर पर चिंता जताई जिसमें केरल के दो स्टूडेंट्स को कथित तौर पर लाल किले के पास पुलिस और स्थानीय लोगों द्वारा पीटने और जबरन हिंदी बोलने के लिए कहा गया और उनके पारंपरिक पोशाक लुंगी को लेकर मजाक उड़ाया गया। आपको इस पर चिंतित होना चाहिए।
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इस याचिका में समय-समय पर कई आदेश दिए गए। 1 मई 2023 को अदालत ने एएसजी नटराज से मॉनिटरिंग कमिटी की कार्यवाही पर स्टेटस रिपोर्ट मागी थी। यह कमिटी 14 दिसंबर 2016 के आदेश के तहत गठित की गई थी। गृह मंत्रालय द्वारा गठित यह मॉनिटरिंग कमेटी पूर्वोत्तर के लोगों के साथ होने वाले नस्ली भेदभाव से संबंधित शिकायतों की निगरानी और समाधान के लिए बनाई गई थी।

