राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को विपक्षी गठबंधन ‘भारत’ को एक खास सलाह दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को सार्वजनिक रूप से ‘एकजुट’ दिखने की कोशिश करनी चाहिए। इसके साथ ही सिब्बल ने विपक्षी गठबंधन के लिए एक औपचारिक ढांचे की वकालत की जिसमें प्रवक्ता होने चाहिए जो गठबंधन के विचारों को सामने रख सकें।
सिब्बल ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों को भविष्य के लिए एक सुसंगत नीति, वैचारिक ढांचे और कार्यक्रम की आवश्यकता है। हाल में राज्य विधानसभा चुनावों में ‘इंडिया’ के सहयोगी दलों के बीच हुई तकरार के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा, ‘मेरा मानना है कि इसे (इंडिया) एकजुट दिखना चाहिए, न कि बिखरा हुआ जैसा कि यह आम तौर पर दिखाई देता है।’ उन्होंने कहा, ‘इन्हें (इंडिया में शामिल दलों को) एक सुसंगत नीति, एक सुसंगत वैचारिक ढांचा और भविष्य के लिए एक सुसंगत कार्यक्रम की आवश्यकता है।’
राज्यसभा सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘मैं राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर की बात नहीं कर रहा हूं। राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सोचने के तरीके में एकरूपता होनी चाहिए और जब तक वह तंत्र स्थापित नहीं हो जाता और जब तक गठबंधन के प्रवक्ता नहीं होंगे जो इसके विचारों को सामने रख सकें, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सकता है।’
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यह पूछे जाने पर कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए एक औपचारिक राजनीतिक ढांचा होना चाहिए, सिब्बल ने कहा कि वह लंबे समय से यह बात कहते आ रहे हैं। सिब्बल ने हालांकि विपक्षी गठबंधन के भविष्य को लेकर भरोसा जताया। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गठन लोकसभा चुनाव से पूर्व किया था।
मौजूदा बजट सत्र के दौरान पेश किए जा सकने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक और विपक्ष के पास मौजूद विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि यह देखना होगा कि राजग गठबंधन के सहयोगी इस मामले में क्या करते हैं क्योंकि भाजपा के पास बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘देखते हैं कि उनका रुख क्या है। बिहार में चुनाव होने वाले हैं। मुझे लगता है कि अगर वे विधेयक पेश करते हैं तो उन्हें इस बात की चिंता हो सकती है कि इसका बिहार में चुनाव पर क्या असर पड़ेगा।’
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सिब्बल ने कहा, ‘इसलिए मुझे नहीं पता कि इसका क्या नतीजा होगा। इसलिए हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए। यदि विधेयक पारित हो जाता है तो निश्चित रूप से इसे चुनौती देने के इच्छुक लोगों के पास विकल्प मौजूद हैं।’ विवादित परिसीमन मुद्दे पर सिब्बल ने कहा कि देश की राजनीति के लिए इसके बहुत गंभीर निहितार्थ हैं, इसीलिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बैठक बुलाई और कांग्रेस सहित कई दलों के नेताओं ने इसमें भाग लिया।