दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सब्सिडी के लगभग 140 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान का भुगतान करने के लिए तैयार है। परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने पुष्टि की है कि विभाग दो वर्षों से जमा हुए बकाया भुगतान के लिए सभी सब्सिडी आवेदनों का सत्यापन करेगा। यह कार्रवाई दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद की गई है।3 सितंबर को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर वादा किए गए सब्सिडी के वितरण में तेज़ी लाने का निर्देश दिया। न्यायालय ने ज़ोर देकर कहा कि प्रक्रियागत देरी भुगतान में बाधा नहीं बननी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि 2020 की दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति में समय
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EV ग्राहकों को मिलेगी 140 करोड़ की सब्सिडी
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने सोमवार को कहा कि विभाग पिछले दो वर्षों से लंबित आवेदनों के निपटान के लिए इनका सत्यापन करेगा।
एक अधिकारी के अनुसार, सरकार लंबित बकाया राशि के भुगतान के लिए एक पोर्टल भी तैयार कर रही है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीन सितंबर को दिल्ली सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहकों को दी जाने वाली सब्सिडी का वितरण करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया था।
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मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा था कि सरकार इस तथ्य की आड़ में नहीं छिप सकती कि दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 में राशि देने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
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अधिकारियों ने कहा कि आदेश का पालन किया जाएगा और विभाग ने पात्र लाभार्थियों की पहचान शुरू कर दी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह देरी पिछले साल आबकारी नीति से जुड़े एक मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण हुई थी।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में कैबिनेट की बैठक नहीं हो पाई इसलिए बकाए के भुगतान की दिशा में आगे नहीं बढ़ा जा सका।
आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2020 में ईवी नीति की शुरुआत के बाद से अब तक 2.19 लाख से अधिक वाहनों को कर छूट का लाभ मिला है, जिसमें 1.09 लाख दोपहिया वाहन और 83,724 तिपहिया वाहन शामिल हैं। सरकार ने 2023 तक 177 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की थी।