Wednesday, February 12, 2025
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हाथों में हथकड़ियां-पैरों में बेड़ियां नहीं, अपने अंदाज में पलटवार, शाह को मोदी ने सौंपी जिम्मेदारी, देश में आने वाला है नया कानून?

यूएस एयरफोर्स का विमान सी 17 ग्लोब मास्टर, दुनिया में अमेरिका के बाद हिंदुस्तान ही इस विशाल जहाज का सबसे बड़ा यूजर है। हमनें अरबों डॉलर देकर इसे यूएस से ही खरीदा है। जब ये आसमान में उड़ता है तो हिंदुस्तान की सैनिक शक्ति के साथ साथ अमेरिका संग उसकी घनिष्टता भी नजर आती है। लेकिन 5 फरवरी को जब ये अमृतसर के आसमान में नजर आया तो कोई इसे सिर उठाकर नहीं देखना चाहता था। हाथों में हथकड़िया और पैरों में बेड़ियों के साथ 104 अवैध रूप से अमेरिका में गए लोगों को ट्रंप ने सेना के विमान में बिठा भारत की धरती पर भेज दिया। बाद में इसका वीडियो जारी कर ट्रंप ये बताने में कोई कसर छोड़ी कि उन्होंने अपने देश से अवैध एलियंस को कैसे निकाला है। इसको लेकर भारत में काफी मुद्दा भी बना और कहा गया कि इस तरह का व्यवहार किया जाना अमानवीय है। इसके साथ ही देश के कई वर्गों की ओर से कहा गया कि भारत को भी अवैध रूप से यहां घुसकर छिपकर रहने वाले लोगों को बाहर निकालना चाहिए। अब मोदी सरकार भी इसी दिशा में कदम उठाने जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही अवैध रूप से भारत में एंट्री लेने वालों के खिलाफ कड़े नियम लागू करने जा रही है। आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद के चल रहे बजट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। प्रस्तावित अप्रवासन विधेयक 2025 के मुताबिक बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के भारत में प्रवेश करने वाले किसी भी विदेशी नागरिक को पांच साल तक की जेल और अधिकतम 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। 

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सात साल तक की जेल, 10 लाख का जुर्माना
अगर कोई जाली पासपोर्ट या नकली यात्रा दस्तावेजों के जरिए देश में प्रवेश करता है तो उसे कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है। साथ ही 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 के बीच कुल 9,840,321 विदेशियों ने भारत का दौरा किया। प्रस्तावित विधेयक के खंड 8 की उप-धारा 3 ऐसे परिसरों में रहने वाले किसी भी विदेशी के संबंध में पंजीकरण अधिकारी को जानकारी प्रस्तुत करने के लिए “किसी भी आवासीय परिसर पर कब्जा करने वाले या उसके नियंत्रण में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति” की भूमिका निर्दिष्ट करती है। शैक्षणिक संस्थानों के लिए, खंड 9 किसी भी विदेशी को प्रवेश देने वाले प्रत्येक विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान को पंजीकरण अधिकारी को जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश देता है। 

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अभी क्या हैं नियम
भारत से विदेशियों का प्रवेश, प्रवास और निकास वर्तमान में विदेशी पंजीकरण अधिनियम, 1939 और विदेशी अधिनियम, 1946 द्वारा शासित होता है। विदेशियों को सभी श्रेणियों के भारतीय वीजा विदेश में स्थित भारतीय मिशनों या केंद्रों द्वारा भौतिक या स्टिकर के रूप में दिए जा सकते हैं, जबकि आव्रजन ब्यूरो 167 देशों के लोगों को सात श्रेणियों के तहत इलेक्ट्रॉनिक वीजा प्रदान करता है। जबकि जाली दस्तावेजों के साथ प्रवेश करने वालों के लिए अधिकतम आठ साल की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना है।
इन देशों को मिला ऑन-अराइवल वीजा
आव्रजन अधिकारियों द्वारा छह निर्दिष्ट हवाई अड्डों पर तीन देशों – जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों को आगमन पर वीजा प्रदान किया जाता है। मौजूदा कानूनों के अनुसार, दीर्घकालिक (180 दिनों से अधिक) छात्र, चिकित्सा, अनुसंधान, रोजगार, मिशनरी और प्रोजेक्ट वीजा पर आने वाले सभी विदेशियों को आगमन के 14 दिनों के भीतर विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या संबंधित विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) के पास पंजीकरण कराना आवश्यक है, जिसका अधिकार क्षेत्र उस स्थान पर हो जहां विदेशी नागरिक रहने का इरादा रखता है। पाकिस्तानी नागरिकों को अपने आगमन के 24 घंटे के भीतर पंजीकरण कराना आवश्यक है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच कुल 98,40,321 (98.40 लाख) विदेशियों ने भारत की यात्रा की।
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