Sunday, August 3, 2025
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हिमाचल प्रदेश के मंत्री ने साधा Kangana Ranaut पर निशाना, कहा- वे अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रही हैं तो इस्तीफा दे दे…

हिमाचल प्रदेश भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, जिसमें 78 लोगों की मौत हो गई और 400 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है, और मंडी जिला – भाजपा की कंगना रनौत का संसदीय क्षेत्र – 15 मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, और इस त्रासदी पर कंगना रनौत की देरी से प्रतिक्रिया एक राजनीतिक विवाद में बदल गई, जिसने यहां तक ​​कि उनकी पार्टी के सहयोगी जयराम ठाकुर को भी नाराज किया। अब कांग्रेस ने कंगना रनौत पर सवाल उठाएं हैं।
 

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हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मंडी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा की लोकसभा सदस्य कंगना रनौत यदि सांसद के रूप में अपने दायित्वों से खुश नहीं हैं तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
राजस्व और बागवानी मंत्री ने रनौत पर यह हमला रविवार को मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान भाजपा सांसद द्वारा कही गई बात के बाद किया है।
रविवार को रनौत ने कहा था कि राहत और बचाव कार्य राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

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उन्होंने कहा, ‘‘एक सांसद के तौर पर मैं केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत करा सकती हूं और केंद्रीय सहायता का अनुरोध कर सकती हूं।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘हम केंद्र और राज्य के बीच कड़ी के रूप में काम करते हैं और निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाते हैं। मेरे पास कोई मंत्रिमंडल या नौकरशाही नहीं है – मैं केवल उपायुक्तों के साथ स्थिति की समीक्षा कर सकती हूं और विवरण दे सकती हूं।’’

नेगी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए कहा, ‘‘यदि वह सांसद के रूप में उन्हें दिए गए दायित्व से खुश नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि किसी सक्षम व्यक्ति के लिए रास्ता तैयार हो सके जो लोगों के दर्द को समझता हो और उनके साथ जमीनी स्तर पर खड़ा हो।’’

हाल में मंडी जिले के विभिन्न भागों में बादल फटने, उसके बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की 10 घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई, पांच अन्य घायल हो गए तथा 27 लोग लापता हो गए।
नेगी ने केंद्र सरकार पर आपदा राहत में भी राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि 2023 में अब तक की सबसे भीषण मानसून आपदा में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने पर केंद्र ने 2,006 करोड़ रुपये की राहत सहायता दी, वह भी दो साल बाद।

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