भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए अमेरिका जाने वाले हैं। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा फ्रांस के उनकी यात्रा के ठीक बाद रखी गई है। लेकिन पीएम मोदी का स्पेशल विमान अमेरिका में लैंड करने से पहले ही अमेरिका का एक सैन्य विमान भारत में लैंड कर चुका है। जिसके बाद से ही इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। एयरफोर्स का एक विमान अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को 5 फरवरी को अमृतसर के श्री गुरुरामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग की। इस बात की चर्चा देश के हर कोने में हुई। अमेरिकी सैन्य विमान सी 17 में 13 बच्चों समेत 104 अवैध प्रवासी सवार थे। इनमें 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं। जिस वक्त ये विमान अमृतसर में लैंड हुआ इस वक़्त इसे रिसीव करने के लिए अमृतसर के पुलिस कमिश्नर और केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम के बड़े अधिकारी मौजूद थे।
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भारतीयों का अब क्या होगा?
विमान में सवार होकर अमेरिकी सेना के 40 जवान भी भारत आये हैं। अब जांच एजेंसियां इन सभी लोगों का पूरा पोर्टफोलियो चेक करेगी। डिपोर्ट किए गए लोग जिन राज्यों से हैं उसके बारे में पुलिस से जानकारी मांगी गई है। अवैध तरीके से अमेरिका गए लोगों का बैकग्राउंड चेक किया जा रहा है कि कहीं कोई अपराध के बाद भागकर तो विदेश नहीं गया। या फिर वो आने शहर में वांटेड तो नहीं है।
घर गिरवी रखा, जमीन बेची और कर्ज उठाया
अमेरिका से डिपोर्ट हरियाना के 33 के लेगों में 7 लेग करनाल जिले के अलग-अलग गांवों से है। ये वे लोग है, जिन्होंने आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए डंकी रास्ते से अमेरिका जाकर पैसा कमाने का रास्ता चुना। घर गिरवी रखा, जमीन बेची और कर्ज उठाया। परिजन अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को लेने अमृतसर गए हुए है। लिस्ट में सिर्फ नाम, उम्र और गांव या शहर ही लिखा गया है। ऐसे में इस कत पर भी भ्रम है कि ये गांव करनाल के ही है।
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40 लाख कर्ज लेकर अमेरिका पहुंच गया था
हरियाणा के करनाल जिले में घरौंडा के गांव कालरों का आकाश 26 जनवरी को अमेरिका पहुंच गया था। कालरों के सरपंच दीपेंद्र उर्फ अन्नू ने बताया है कि आकाश हमारे परिवार से ही है। उसके परिकर की स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वह अपनी जमीन बेचकर और करीब 40 लाख का कर्ज लेकर अमेरिका गया था। अब पीछे घर परिवार में खाने कमाने का कोई साधन नहीं है। वह तीन महीने पहले घर से अमेरिका के लिए निकला था।