केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के प्रेस सचिव के भाई समेत नौ सीपीआई(एम) कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को कन्नूर की एक अदालत ने 2005 में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के सिलसिले में दोषी पाया। आरोपी के रूप में सूचीबद्ध 12 लोगों में से दो की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और एक को बरी कर दिया गया। जिला सत्र अदालत सोमवार को सजा सुनाएगी। दोषी पाए गए लोगों में टी के राजेश शामिल हैं, जो विद्रोही मार्क्सवादी नेता टी पी चंद्रशेखरन की 2012 में हुई हत्या के मामले में पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और पी एम मनोराज, जो विजयन के प्रेस सचिव पी एम मनोज के भाई हैं।
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अदालत ने सीपीआई(एम) के पूर्व स्थानीय सचिव और एडक्कड़ पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकरण मास्टर और सीपीआई(एम) के दो स्थानीय समिति सदस्यों के वी पद्मनाभन और मनोमबेथ राधाकृष्णन को भी दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 7 अगस्त 2005 को जिले के मुझाप्पिलंगड़ में माकपा के लोगों ने भाजपा कार्यकर्ता एलाम्बिलयी सोराज (32) की हत्या कर दी थी। 2003 में पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद माकपा ने सोराज के प्रति रंजिश पाल ली थी। विशेष सरकारी वकील पी पद्मराजन ने बताया कि हत्या से एक साल पहले सूरज एक और हत्या के प्रयास में बच गया था, जिसमें उसे गंभीर चोटें आई थीं।
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सीपीआई(एम) के स्थानीय नेता प्रभाकरण, पद्मनाभन और राधाकृष्णन (जिन्हें हत्या के मामले में दोषी पाया गया) भी उस मामले में आरोपी थे। पहले हमले के बाद सूरज अस्वस्थ हो गया था और रोजमर्रा की जिंदगी में वापस आने के तुरंत बाद उसे दूसरे जानलेवा हमले का सामना करना पड़ा।