इजरायली फौज यानी आईडीएफ ने गाजा में अब तक का सबसे बड़ा मिलिट्री ऑपरेशन शुरू कर दिया। जिसमें भारी मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है और रोजाना बड़ी तादाद में लोग मारे जा रहे हैं। इस ऑपरेशन को लेकर ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने नाराजगी जाहिर करते हुए गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है। इस पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जवाब भी दिया है। नेतन्याहू ने इन देशों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हमास के जनसंहार का इनाम दे रहे हैं और इजरायल को उसकी आत्मरत्रा के अधिकार से वंचित करना चाहते हैं। आपको बता दें कि इजरायल ने गाजा को सीमित मानवीय राहत की इजाजत दे दी है और कुछ रास्तों को खोल दिया है। लेकिन इस फैसले के बावजूद 22 देशों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए इजरायल से अपील करते हुए कहा है कि वे गाजा को मिलने वाली कोई भी सहायता में रुकावट न डाले।
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जिन देशों ने इजरायल के खिलाफ संयुक्त बयान जारी किया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन शामिल हैं। इन देशों का कहना है कि सहायता रोके जाने से गाजा पट्टी में भयावह स्थिति पैदा हो गई है और लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। कई लोगों को गंभीर बीमारियों की दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं और उनकी जान बचाना मुश्किल साबित हो रहा है। इन देशों का कहना है कि हमें पता है कि इजरायल ने सीमित मात्रा में मदद देने पर सहमति जताई है, लेकिन हमारी मांग है कि मदद देने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।
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दिलचस्प बात यह है कि फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने इजरायल को धमकी तक दे दी है कि अगर गाजा में मदद रोकी गई तो वे प्रतिबंध लगा देंगे। इसके अलावा इन देशों ने गाजा पर सैन्य कार्रवाई रोकने की भी मांग की है। वहीं बेंजामिन नेतन्याहू ने भी तीनों देशों को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि अगर आपका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया तो इससे हमास मजबूत होगा और भविष्य में वह फिर से इजरायल पर हमला करेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि इजरायल पर गाजा के लिए सहायता बंद न करने का दबाव है। आपको बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं हो जाता, इजरायल गाजा पर हमले जारी रखेगा। लेकिन इस बीच यूरोपीय देशों और जापान के विरोध में उतरने से तस्वीर बदलती दिख रही है। इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में आने वाले दिन इस लिहाज से अहम हो सकते हैं।
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संयुक्त राष्ट्र (संरा) का कहना है कि गाजा में राहत सामग्री की नई आपूर्ति शुरू होने के दो दिन बाद भी फलस्तीनियों तक कोई सहायता नहीं पहुंच पाई है। गाजा को करीब तीन महीने से इजराइली नाकेबंदी का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गाजा के 20 लाख निवासियों में से बड़ी आबादी के समक्ष भोजन का संकट खड़ा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद इजराइल ने इस सप्ताह फलस्तीनी क्षेत्र में ‘‘न्यूनतम’’ सहायता की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की। उसने हमास आतंकवादी समूह पर दबाव बनाने के प्रयास में भोजन, दवा और ईंधन के प्रवेश को रोक दिया था। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि यद्यपि राहत सामग्री गाजा पहुंच चुकी है, लेकिन सहायता कर्मी इसे वितरण केन्द्रों तक नहीं पहुंचा पाए हैं क्योंकि इजराइली सेना ने उन्हें इस आपूर्ति को अलग ट्रकों में लादने के लिए मजबूर किया।