Wednesday, July 30, 2025
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23 साल के ऑफिसर लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी अपने साथी की जान बचाते हुए शहीद, नदी में लगाई थी छलांग, साथी को बचाया लेकिन खुद…

सिक्किम में तैनात 23 वर्षीय सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। वह एक साथी सैनिक को बचाने के लिए नदी में गिर गए थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह घटना उस समय हुई जब सिक्किम स्काउट्स रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट तिवारी एक दल का नेतृत्व कर रहे थे। यह दल भविष्य में तैनाती के लिए तैयार किए जा रहे रणनीतिक स्थान पर जा रहा था। सुबह करीब 11 बजे अग्निवीर स्टीफन सुब्बा एक लॉग ब्रिज को पार करते समय फिसल गए और तेज बहाव वाली नदी में बह गए।
बिना किसी हिचकिचाहट के लेफ्टिनेंट तिवारी ने सैनिक को बचाने के प्रयास में नदी में छलांग लगा दी। नायक पुकार कटेल भी मदद के लिए पानी में उतरे। दोनों ने मिलकर अग्निवीर को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि, इस प्रक्रिया में लेफ्टिनेंट तिवारी तेज धारा में बह गए। गश्ती दल द्वारा तत्काल बचाव प्रयासों के बावजूद, उनका शव करीब आधे घंटे बाद 800 मीटर नीचे की ओर मिला। सेना ने अधिकारी की मृत्यु की खबर साझा करते हुए कहा, “उनकी बहादुरी और कर्तव्य के प्रति समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।” अधिकारी को छह महीने पहले ही सेना में शामिल किया गया था।
लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का शनिवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शुक्रवार दोपहर को सिलीगुड़ी के बागडोगरा हवाई अड्डे से उनका पार्थिव शरीर लाया गया, जो देर शाम अयोध्या पहुंचा। एक विशेष सैन्य विमान से पार्थिव शरीर को फैजाबाद सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे रात भर रखा जाएगा। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को जामथरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अयोध्या छावनी के गद्दोपुर निवासी लेफ्टिनेंट शशांक (23) अपने परिवार में इकलौते बेटे थे। 2019 में एनडीए प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद पिछले साल उन्हें भारतीय सेना में शामिल किया गया था। उन्होंने सिक्किम में अपनी पहली पोस्टिंग के साथ अपनी सेवा शुरू ही की थी। 
 

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अयोध्या के नगर मजिस्ट्रेट राजेश मिश्रा के अनुसार, शशांक के पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में काम करते हैं और वर्तमान में अमेरिका में तैनात हैं। वह भारत के लिए रवाना हो चुके हैं और शनिवार सुबह तक उनके अयोध्या पहुंचने की संभावना है। अधिकारियों ने लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की मौत की परिस्थितियों के बारे में बताते हुए कहा कि बृहस्पतिवार को नियमित गश्त के दौरान एक सैनिक तेज बहाव वाली नदी में फिसल गया। 
 

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बिना किसी हिचकिचाहट के लेफ्टिनेंट शशांक उन्हें बचाने के लिए कूद पड़े। उन्होंने सैनिक को सफलतापूर्वक बचा लिया, लेकिन शशांक तेज धारा में बह गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका। शशांक के चाचा राजेश दुबे ने कहा, ‘‘वह हमेशा पढ़ाई में होशियार था और छोटी उम्र से ही देश की सेवा करने के लिए दृढ़ था।’’ एनडीए में शामिल होने से पहले शशांक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फैजाबाद के एक स्कूल में पूरी की थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को हनुमानगढ़ी में पूजा-अर्चना की और नवनिर्मित हनुमत कथा मंडपम का उद्घाटन किया, जिसमें 5,000 लोग बैठ सकते हैं। अपने दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री ने शशांक के साहस और बलिदान का जिक्र करते हुए घोषणा की कि अयोध्या में उनके सम्मान में एक स्मारक बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने सैन्य अधिकारी के परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में 50 लाख रुपये भी मंजूर किए हैं।
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