देश के लोकतांत्रिक इतिहास में 26 मई का विशेष महत्व है, क्योंकि 2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेन्द्र मोदी ने आज ही के दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार शपथ ली थी। नरेन्द्र मोदी ने 2019 में लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला और इस बार भी 26 मई की तारीख का एक खास महत्व था। दरअसल 26 मई 2019 को ही राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई थी कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 मई को मोदी को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। मोदी 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष नौ जून को तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी।
आज प्रधानमंत्री मोदी उसी वडोदरा में पहुँचे जिसने 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें पांच लाख मतों के अंतर से प्रचंड विजय दिलाई थी। हम आपको याद दिला दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी ने गुजरात की वडोदरा और उत्तर प्रदेश की वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों ही जगह से उन्हें विजय हासिल हुई थी। बाद में मोदी ने वाराणसी संसदीय सीट को अपने पास बरकरार रखा था और वडोदरा लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
हम आपको यह भी बता दें कि मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगाँठ भी जल्द ही आने वाली है और उसको राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन भव्य तरीके से सेलिब्रेट करेगा। हम आपको बता दें कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए बड़े स्तर पर संपर्क कार्यक्रम की योजना बनी है जिसमें कई नीतिगत पहलों की घोषणा भी की जा सकती है। यह आयोजन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये पाकिस्तानी आतंकवाद को दी गई कड़ी प्रतिक्रिया की पृष्ठभूमि में होगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रियों सहित वरिष्ठ पार्टी नेताओं द्वारा जन-संपर्क इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। यह जन संपर्क जनसभाओं और मार्च के रूप में हो सकता है, तथा इसमें सरकार की नीतिगत पहल और कल्याणकारी कार्यक्रमों के अलावा पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद की गई कठोर सैन्य कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है।
हम आपको बता दें कि एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की रविवार को हुई बैठक में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि मोदी 29 और 30 मई को दो दिवसीय दौरे के दौरान बिहार में कई विकास कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे। यह एनडीए सरकार की वर्षगांठ से पहले सत्तारुढ़ गठबंधन के एजेंडे में ‘विकास’ को सबसे आगे रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जहां तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की रविवार को हुई बैठक की बात है तो आपको बता दें कि इसमें सशस्त्र बलों के पराक्रम और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साहसी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा पेश तथा शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा समर्थित प्रस्ताव में कहा गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ा है। प्रस्ताव में मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि उन्होंने सशस्त्र बलों का हमेशा समर्थन किया है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवादियों एवं उनके प्रायोजकों को करारा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और जे पी नड्डा एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए। इस बैठक में लगभग 19 मुख्यमंत्री और कई उपमुख्यमंत्री मौजूद थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य में पहले से निर्धारित कार्यक्रम के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए।
इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जाति आधारित गणना, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और सुशासन के मुद्दे बैठक के एजेंडे में रहे। इस सम्मेलन में विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न राजग शासित राज्य सरकारों द्वारा अपनाए गए सर्वोत्तम चलन पर केंद्रित रहा। बैठक के दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों की प्रमुख योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं। छत्तीसगढ़ में कभी माओवादियों के गढ़ रहे बस्तर, असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान, बिहार के जल जीवन हरियाली अभियान, गुजरात के सौर बिजली अभियान और मेघालय की जवाबदेह शासन योजना पर प्रस्तुतियां दी गईं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के बारे में बात की और बताया कि किस तरह उनकी सरकार ने इसके क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर किया। बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई। बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के एक दशक और आपात काल की 50वीं बरसी पर भी चर्चा की गई।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जातिगत जनगणना हाशिये पर खड़े और पीछे रह गए लोगों को विकास की मुख्य धारा में लाने की दिशा में एक कदम है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करती, बल्कि हाशिए पर पड़े लोगों के सशक्तिकरण में विश्वास करती है। सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के कदम की पुष्टि करती है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने नेताओं से बेवजह बोलने की प्रवृत्ति से बाज आने को भी कहा, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई स्थानों पर सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों द्वारा की गई असंवेदनशील और विवादास्पद टिप्पणियों से उत्पन्न राजनीतिक विवादों की पृष्ठभूमि में उनकी (मोदी) अस्वीकृति की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।
संवाददाताओं को जानकारी देते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 20 मुख्यमंत्रियों और 18 उपमुख्यमंत्रियों ने सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें दो प्रस्ताव पारित किए गए। उन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव हालिया सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में सशस्त्र बलों की वीरता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साहसिक नेतृत्व की सराहना करता है और दूसरा अगली जनगणना में जातीय गणना के निर्णय की प्रशंसा करता है। वहीं बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों द्वारा बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने के बीच नक्सलवाद को खत्म करने से जुड़े सरकार के अभियान की जानकारी दी। अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अपनी जन-केंद्रित पहल के साथ प्रगति और कल्याण का पर्याय बन गया है।