अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपना टैरिफ बम दुनियाभर के देशों पर फोड़ रहे हैं। महज तीन दिन में 21 देशों पर अमेरिकी टैरिफ का ऐलान किया जा चुका है। जापान, कोरिया समेत 14 देशों को ट्रंप की तरफ से पहले तो टैरिफ वाला लेटर भेजा गया। उसके बाद 9 जुलाई को 7 और देशों की लिस्ट जारी की गई। इसमें ब्रिक्स में शामिल ब्राजील पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एक के बाद एख उन देशों पर भारी भरकम टैरिफ का दबाव बना रहे हैं, जिन्होंने अमेरिका के साथ ट्रेड डील नहीं को लेकर कोई पहल नहीं की है। अब रूस पर नकेल कसने के लिए ट्रंप भारत को मोहरा बनाने की फिराक में हैं।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए दबाव डालने के उद्देश्य से एक प्रतिबंध विधेयक के लिए मज़बूत समर्थन का संकेत दिया। प्रस्तावित विधेयक, रूस प्रतिबंध अधिनियम 2025 में भारत और चीन जैसे देशों से आयात पर 500% टैरिफ लगाने का एक विवादास्पद प्रावधान शामिल है जो रूसी ऊर्जा उत्पादों की ख़रीद जारी रखते हैं। ट्रंप ने कैबिनेट बैठक के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मैं विचार कर रहा हूँ। यह पूरी तरह से मेरा विकल्प है। वे इसे पूरी तरह से मेरे विकल्प पर पारित करते हैं, और इसे पूरी तरह से मेरे विकल्प पर समाप्त करते हैं। और मैं इस पर बहुत गंभीरता से विचार कर रहा हूँ।
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ये विधेयक इस साल अप्रैल में डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाने वाले सीनेटर लिंडसे ग्राहम की तरफ से पेश किए गए, जिसमें ये प्रावधान है कि अगर किसी ने रूस से तेल, यूरेनियम, गैस और पेट्रोलियम पदार्थों की खरीदारी की तो उसके ऊपर कड़ी पेनाल्टी लगाई जाएगी। एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, राष्ट्रपति ने संघर्ष को लम्बा खींचने के लिए पुतिन के प्रति बढ़ती निराशा भी व्यक्त की, तथा हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग को यूक्रेन को और अधिक रक्षात्मक हथियार भेजने का निर्देश दिया, जो एक कठोर रुख का संकेत है। भारत और चीन को इसलिए इस बिल के जरिए अमेरिका निशाना बनाना चाहते है क्योंकि ये दोनों ही देश रूस के करीब 70 प्रतिशत तेलों की खरीदारी करते हैं।