Tuesday, August 5, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीय5 अगस्त 1971...विदेश मंत्रालय के बाद भारतीय सेना देगी ऐसा जवाब, ट्रंप...

5 अगस्त 1971…विदेश मंत्रालय के बाद भारतीय सेना देगी ऐसा जवाब, ट्रंप ने सपने में भी नहीं सोचा होगा

पहले ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया। फिर रूस से तेल खरीदारी को लेकर ट्रंप ने एक ऐलान किया कि वो भारत पर और टैरिफ बढ़ाने वाले हैं। उन्हें लगा कि वो एक के बाद टैरिफ का ऐलान करते रहेंगे और भारत चुपचाप इन टैरिफ को बर्दाश्त कर लेगा। ऐसा नहीं है। भारत सरकार ने ट्रंप के बयान के तुरंत बाद जोरदार जवाब दिया। विदेश मंत्रालय के बाद अब अमेरिका को भारतीय सेना की तरफ से भी आइना दिखाया गया है। एक ऐसा जवाब जिसके बाद अमेरिका और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप निश्चित तौर पर बैकफुट पर आएंगे। इससे पहले भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को रिएलिटी चेक दिया और यूरोपीय संघ को आइना दिखाते हुए कहा है कि जिस रूस पर भड़ककर ये दोनों तेवर दिखा रहे हैं वो जरा अपने अंदर झांक कर देख लें।

इसे भी पढ़ें: पश्चिम के आगे झुकने का युग समाप्त, ट्रंप की धमकी पर भारी पड़ेगी मोदी की कूटनीति

अमेरिका पर तीखा प्रहार करते हुए भारतीय सेना ने 5 अगस्त, 1971 की एक अखबार की क्लिप शेयर की है। इस खबर में याद दिलाया गया कि कैसे अमेरिका ने भारत-पाक युद्ध से पहले पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराए थे। आज का दिन, उस साल युद्ध की तैयारी, 5 अगस्त, 1971 शीर्षक वाली यह पोस्ट दशकों पुराने अमेरिका के इस्लामाबाद के प्रति झुकाव की याद दिलाती है। लेख में तत्कालीन रक्षा उत्पादन मंत्री वीसी शुक्ला के राज्यसभा में दिए गए बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि कैसे बांग्लादेश में पाकिस्तान के आक्रमण के दौरान उसके हथियार जुटाने के बारे में नाटो शक्तियों और सोवियत संघ से सलाह ली गई थी।

इसे भी पढ़ें: भारत पर भारी टैरिफ ठोकने चले थे ट्रंप, अब पुतिन के एक्शन से हिल जाएगी पूरे अमेरिका की जमीन

इस रिपोर्ट में चीन की मदद का भी जिक्र कर बताया गया है कि बीजिंग की तरफ से भी युद्ध से पहले पाकिस्तान को मदद पहुंचाई गई थी। उस समय यह आर्टिकल तत्कालीन रक्षा मंत्री के राज्यसभा में दिए गए बयान के आधार पर प्रकाशित हुआ था। भारतीय सेना ने इस पोस्ट को दिस डे दैट ईयर कैप्शन के साथ शेयर किया। साथ में हैशटैग नो फैक्ट का इस्तेमाल किया गया। इस क्लिपिंग में बताया गया है कि कैसे अमेरिका 1971 के युद्ध की तैयारी के लिए दशकों से पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई कर रहा था।

इसे भी पढ़ें: भारत के खिलाफ कौन सी गंदी साजिश रच रहे थे ट्रंप, अचानक एक अमेरिकी ने आकर खोल दी पूरी पोल-पट्टी

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा  भारत की आलोचना पर कड़ा जवाब दिया। ये आलोचना रूस से तेल खरीदारी को लेकर की जा रही थी। लेकिन भारत ने इसे अनुचित और बेबुनियाद करार दिया। भारत ये लंबे वक्त से कहता आया है कि उसने सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा किया है। जैसे बाकी देश कर रहे हैं।  रूस से कच्चे तेल की खरीद पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि आयात एक आवश्यकता है, जो वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण मजबूरी बन गई है। यह बात उजागर हो रही है कि भारत की आलोचना करने वाले देश स्वयं रूस के साथ व्यापार में शामिल हैं। अमेरिका अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम और उर्वरकों का आयात जारी रखे हुए है। भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments