Sunday, December 21, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीय80 साल पहले स्थापित वैश्विक व्यवस्था स्पष्ट रूप से बिखर रही, सिम्बायोसिस...

80 साल पहले स्थापित वैश्विक व्यवस्था स्पष्ट रूप से बिखर रही, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल के दीक्षांत समारोह में बोले जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक पदानुक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव आया है और 80 साल पहले स्थापित वैश्विक व्यवस्था स्पष्ट रूप से बिखर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्वीकार करना आवश्यक है कि वैश्विक शक्तियां अब सार्वभौमिक होने में सक्षम नहीं हैं। जयशंकर ने कहा कि आज की दुनिया की स्पष्ट तस्वीर खींचना एक वास्तविक समस्या है क्योंकि इसका बहुत बड़ा हिस्सा परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। विदेश मंत्री पुणे में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।

इसे भी पढ़ें: नेतन्याहू से मिलते ही जयशंकर ने किया बड़ा ऐलान, चौंकी दुनिया

जयशंकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चलिए अब कुछ दशकों आगे बढ़ते हैं और वर्तमान समय की बात करते हैं। विश्व की बात करें तो आज इसकी कोई निश्चित तस्वीर पेश करना वाकई एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसका बहुत बड़ा हिस्सा परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। लेकिन 80 साल पहले स्थापित वैश्विक व्यवस्था स्पष्ट रूप से बिखर रही है। वैश्विक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के कारणों की बात करते हुए, जयशंकर ने इसका श्रेय विशेष रूप से बड़े देशों की राजनीति और नीतियों को दिया। हालांकि, वे खुद उन रुझानों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं जो शायद उन्हीं के द्वारा उत्पन्न किए गए हों। इस मामले के मूल में तीन अवधारणाएँ हैं। एक, वैश्वीकरण। दो, पुनर्संतुलन। और तीन, बहुध्रुवीयता। और इन सभी को प्रौद्योगिकी की प्रगति ने गति दी है।

इसे भी पढ़ें: न झुकाव, न दबाव, भारत की आत्मनिर्भर विदेश नीति और Geopolitics के बदलते स्वरूप पर जयशंकर ने दिया जोरदार भाषण

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी शक्तिशाली देश वैश्विक मुद्दों पर अपनी इच्छा थोप नहीं सकता, उन्होंने यह भी कहा कि आज दुनिया में शक्ति और प्रभाव के कई केंद्र उभर आए हैं। कोई भी देश, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, सभी मुद्दों पर अपनी इच्छा थोप नहीं सकता। इतना ही नहीं, इसका यह भी अर्थ है कि अब विश्व के देशों के बीच स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा है और यह अपने आप संतुलन बनाती है। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments