भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक विवाद दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे क्षेत्रीय विवादों में से एक है, जिसकी जड़ें भारत की आज़ादी से पहले की हैं। हालाँकि यह विवाद अक्सर व्यापक भारत-पाकिस्तान संबंधों में गौण हो जाता है, फिर भी यह विवाद अपने सामरिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों के कारण महत्वपूर्ण है। भारत के शीर्ष खुफिया और नौसेना सूत्रों ने खुलासा किया है कि किस तरह से पाकिस्तान सिंध के दक्षिण-पूर्वी इलाके में भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र सर क्रीक में सैन्य परिसर, सैन्य छावनियां और आपातकालीन हवाई पट्टियां स्थापित कर रहा है।
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सर क्रीक विवाद अचानक से चर्चा में क्यों आया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में सर क्रीक क्षेत्र के पास पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सैन्य निर्माण को लेकर उसे कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी दुस्साहस का इतना कड़ा जवाब मिलेगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल सकता है। शस्त्र पूजन के अवसर पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने पाकिस्तान पर लंबे समय से चले आ रहे सर क्रीक विवाद को जानबूझकर भड़काने का आरोप लगाया, जबकि भारत इसे बातचीत के ज़रिए सुलझाने के बार-बार प्रयास कर रहा है। सिंह ने कहा कि गुजरात तटरेखा के साथ रणनीतिक रूप से संवेदनशील सर क्रीक से सटे इलाकों में पाकिस्तानी सैन्य बुनियादी ढांचे का हालिया विस्तार पाकिस्तान के अस्पष्ट इरादों और उकसावे वाले रुख को दर्शाता है। रक्षा मंत्री ने सैनिकों के साथ दशहरा मनाया और इस अवसर पर शस्त्र पूजा की। सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है और तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू करना उसका उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा को बेनकाब कर दिया तथा भारत की निर्णायक क्षमता को साबित कर दिया।
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सर क्रीक है क्या
सर क्रीक गुजरात के कच्छ के रण के दलदली क्षेत्र में स्थित 96 किलोमीटर लंबी जल पट्टी है। भौगोलिक रूप से, यह अरब सागर में मिलने से पहले भारत के कच्छ क्षेत्र और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच सीमा बनाती है। ऐतिहासिक रूप से, इसे बाण गंगा के नाम से जाना जाता था और औपनिवेशिक काल के दौरान एक ब्रिटिश अधिकारी के नाम पर इसे सर क्रीक नाम मिला।
राजनाथ सिंह ने चेताया
यदि पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर में कोई दुस्साहस करता है, तो जवाब इतना कड़ा होगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा। उन्होंने कहा कि 1965 के युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। आज 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का एक रास्ता इसी क्रीक से होकर गुजरता है। सर क्रीक गुजरात के कच्छ के रण और पाकिस्तान के बीच 96 किलोमीटर लंबा ज्वारीय मुहाना है। दोनों पक्षों द्वारा समुद्री सीमा की अलग-अलग व्याख्याओं के कारण इसे एक विवादित क्षेत्र माना जाता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर पर ‘विवाद पैदा करता रहता है’, जबकि भारत इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए बार-बार प्रयास करता रहा है। उन्होंने कहा कि सर क्रीक से सटे इलाकों में उसके सैन्य बुनियादी ढांचे का हालिया विस्तार उसकी मंशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सर क्रीक सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा किए गए किसी भी दुस्साहस का निर्णायक जवाब दिया जाएगा।