Tuesday, February 18, 2025
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Rahul Gandhi ने किसे बताया अमित शाह का दाहिना हाथ? CEC की नियुक्ति को करार दिया आधी रात का तख्तापलट

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के बाद आरोप लगाया कि ऐसे समय में यह निर्णय आधी रात को लेना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए गरिमा के प्रतिकूल है, जब चयन समिति की संरचना और प्रक्रिया को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आधी रात का तख्तापलट: कैसे मोदी-शाह ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति पर कब्जा किया। कांग्रेस ने पोस्ट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह अनिवार्य किया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) का चयन करने वाली समिति में प्रधानमंत्री (पीएम), विपक्ष के नेता (एलओपी) और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शामिल हों। मोदी सरकार ने एक नया कानून पारित करके सीजेआईको हटा दिया और उनकी जगह प्रधानमंत्री के चुने हुए एक मंत्री को शामिल किया, जिससे न्यायिक निगरानी कमजोर हो गई।

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इस कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिससे इसकी वैधता पर सवाल उठ गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की तारीख 19 फरवरी तय की, जो नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती थी। खतरे को भांपते हुए, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से पहले ही CEC चयन समिति की बैठक जल्दबाजी में बुला ली। विपक्ष के नेता ने स्थगन की मांग की और समिति से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का आग्रह किया। एक चौंकाने वाले कदम में, सरकार ने 17 फरवरी की आधी रात को, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से महज 2 दिन पहले, ज्ञानेश कुमार को नए CEC के रूप में घोषित कर दिया। 

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ज्ञानेश कुमार, जिन्हें अमित शाह का दाहिना हाथ माना जाता है, को 2024 के चुनावों की निगरानी के लिए चुना गया, जिससे भाजपा का चुनावी प्रक्रिया पर पकड़ और मजबूत हो गई। कांग्रेस की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार करने से लेकर आधी रात की नियुक्ति तक, मोदी और शाह ने दिनदहाड़े सबसे बड़े चुनावी तख्तापलट को अंजाम दिया।

बक्सर टू महाकुंभ: ट्रेंन फुल, सड़कों पर ट्रैफिक जाम, जुगाड़ की नाव से गंगा स्नान करने पहुंचे 7 लोग

आस्था के इस महापर्व में डुबकी लगाने बक्सर के युवाओं ने गजब कारनामा कर दिया है। बक्सर के कम्हरिया के सात युवाओं ने नाव के सहारे गंगा में बक्सर से प्रयागराज के सफर को तय किया। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर अब वायरल है। दरअसल, बिहार के बक्सर के सात लोगों के एक समूह ने परिवहन के साधन के रूप में नाव का उपयोग करके महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज तक 550 किलोमीटर की यात्रा पूरी की। दो दिनों में दूरी तय करने की उनकी यात्रा की सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा हुई क्योंकि उनकी नाव की सवारी का एक वीडियो वायरल हो गया।

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8-9 फरवरी तक सड़कों पर भारी ट्रैफिक और ट्रेनों में भीड़भाड़ देखने के बाद ये ग्रुप तीर्थयात्रा के लिए निकला। सभी पारंपरिक यात्रा मार्गों के जाम होने के कारण, उन्होंने एक अनोखी योजना तैयार की। गंगा में नाव चलाने और महाकुंभ तक पहुंचने के लिए एक मोटरमोट का उपयोग किया। विफलता की स्थिति में बैकअप के रूप में उनकी नाव में दो मोटरें जुड़ी हुई थीं। राशन, पानी और ईंधन से लैस सुखदेव चौधरी के नेतृत्व में ये काफिला अपनी यात्रा पर निकला। मोटरों के बावजूद, कभी-कभी अधिक गर्मी के कारण उन्हें 5-6 किलोमीटर तक नाव को हाथ से चलाना पड़ता था। उनकी रातें पाली में कटती थीं, जिससे प्रयागराज की ओर निरंतर आवाजाही सुनिश्चित होती थी। 

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समूह 11 फरवरी को बक्सर से रवाना हुआ, और 13 फरवरी की सुबह प्रयागराज में संगम में पवित्र डुबकी लगाने में कामयाब रहा। पूरी यात्रा की लागत लगभग 20,000 रुपये थी, जिसमें पेट्रोल, भोजन और आवश्यक प्रावधान शामिल थे।

Qatar का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बनेगा भारत, 5 साल में व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य

कतर के अमीर भारत के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। कतर के भारत से संबंध कैसे हैं इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दोस्त शेख तमीम बिन हमद अल थानी के लिए प्रोटोकॉल तक तोड़ दिया। पीएम मोदी ने कतर के अमीर के लिए प्रोटोकॉल तोड़कर पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत के लिए कतर कहां है। कतर के अमीर जैसे ही भारत पहुंचे। वैसे ही भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर के साथ उनकी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राष्ट्रपति भवन पर उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और कतर के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में दोनों देशों ने करार किए। 

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दोनों देशों के बीच कई एमओयू भी साइन हुए। विदेश मंत्रालय की ओर से इसको लेकर जानकारी भी दी गई।  विदेश मंत्रालय ने कहा कि  भारत-कतर, गहरे और पारंपरिक संबंधों को और मजबूत बना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हम्माद अल-सानी ने आज हैदराबाद हाउस में व्यापक वार्ता की। दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, निवेश, नवाचार, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों पर ध्यान देने और भारत-कतर संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया। उन्होंने आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। दोनों नेताोओं ने तय किया कि वो कैसे दोनों देशों को आगे एक साथ ले जाएंगे और भारत कतर संबंधों को और मजबूत करेंगे। 

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भारत और कतर के बीच दोहरे कराधान से बचने और आय पर करों के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए एक संशोधित समझौता भी हुआ जिसकी घोषणा हैदराबाद हाउस में हुए समझौतों के दौरान की गई। कतर के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समझौते का आदान-प्रदान किया। इससे पहले फरवरी 2024 में मोदी ने कतर की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम को दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचकर गर्मजोशी से हाथ मिलाकर और गले लगाकर अमीर का स्वागत किया था। प्रधानमंत्री ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि  अपने भाई, कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हम्माद अल सानी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर गया था। 

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दोहा से आया मेरा दोस्त: जहां हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी, कतर कैसे बना गल्फ में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी भारत पहुंचे हैं। पीएम मोदी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए खुद अमीर को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे। शेख तमीम अन्य देशों के शासकों की तरह आम नहीं हैं। उनके डिप्लोमेसी के साथ साथ लाइफ स्टाइल भी दुनियाभर में मशहूर है। अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की वापसी हुई है। एक साझेदार के तौर पर कतर के साथ भारत की नजदीकियां और भी ज्यादा जरूरी होती हैं। इसके कई रणनीतिक कारण भी हैं। इनमें से एक कतर से भारत को आने वाला एलएनजी है। भारत में ऊर्जा की खपत बड़े पैमाने पर होती है। इसलिए भारत को ऊर्जा संशाधनों की भी जरूरत है। ऐसे में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के लिए कतर भारत के लिए सबसे मजबूत विकल्प माना जाता है। कतर भारत का सबसे बड़ा एलएनजी सप्लायर भी है। 

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व्यापार और निवेश

वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 14.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।

भारत कतर से आयात करता है: एलएनजी, एलपीजी, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और एल्युमीनियम का सामान आदि।

भारत कतर को निर्यात करता है: अनाज, तांबा, लोहा और इस्पात, सब्जियां, फल, मसाले और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, बिजली और अन्य मशीनरी, प्लास्टिक उत्पाद, निर्माण सामग्री, कपड़ा और परिधान, रसायन, कीमती पत्थर और रबर आदि।

 भारत में कतर का निवेश: डीपीआईआईटी के अनुसार, वर्तमान एफडीआई 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। निवेश दूरसंचार, खुदरा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, बिजली, किफायती आवास आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में हैं।

 आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कतर निवेश प्राधिकरण द्वारा हाल ही में किए गए कुछ प्रमुख निवेश और घोषणाएं इस प्रकार हैं:

रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर (अगस्त 2023)

इंडोस्पेस लॉजिस्टिक्स पार्क्स IV (आईएलपी IV) में 393 मिलियन अमरीकी डॉलर (सितंबर 2023 में ग्रोसवेनर प्रॉपर्टी के सहयोग से)  ग्लोबल डेंटल सर्विसेज में 50 मिलियन अमरीकी डॉलर (नवंबर 2023)

श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में 140 मिलियन अमरीकी डॉलर 

2021 में क्यूआईए ने अन्य निवेशकों के साथ वर्से इनोवेशन में 100 मिलियन अमरीकी डॉलर, रेबेल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड में 175 मिलियन अमरीकी डॉलर  और स्विगीज में 800 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया।

अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की एक इकाई में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर  450 मिलियन अमरीकी डॉलर (फरवरी 2020)

कतर में भारतीय निवेश: इन्वेस्ट कतर के अनुसार भारतीय कंपनियों ने 2017-2025 के दौरान 356 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है; कतर में प्रमुख भारतीय कंपनियां: लार्सन एंड टुब्रो, वोल्टास, शापूरजी पल्लोनजी, विप्रो, टीसीएस, टेक महिंद्रा और लूलू।

अप्रैल 2005 में हवाई सेवाओं समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। दोहा भारतीय यात्रियों के लिए एक प्रमुख यात्री केंद्र के रूप में उभरा। दोहा और बारह से अधिक भारतीय शहरों के बीच 200 से अधिक साप्ताहिक उड़ानें।

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कतर में हर चौथा शख्स है हिंदुस्तानी 

 ऐतिहासिक रूप से भारत और कतर के लोगों से लोगों के बीच मजबूत सम्बंध है। 8 लाख 30 हजार से अधिक मजबूत और जोशपूर्ण भारतीय समुदाय; कतर में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय माना जाता है। बड़ी संख्या में ब्लू-कॉलर श्रमिकों के अलावा चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त, बैंकिंग, व्यवसाय और मीडिया सहित व्यवसायों में लगे हुए हैं। 2019 में भारत-कतर संस्कृति वर्ष के रूप में मनाया गया। फीफा 2022 और एशियाई फुटबॉल चैम्पियनशिप 2023 में भारतीय प्रवासियों द्वारा उत्साहपूर्वक भागीदारी ने कार्यक्रमों की सफलता को और अधिक रंगीन और जीवंत बना दिया। कतर में 19 भारतीय स्कूल और एक भारतीय विश्वविद्यालय शैक्षणिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के कार्यक्रम में 3000 से अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कतर से नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई

कतर के अमीर का भारत दौरा फरवरी 2024 की उस घटना के बाद हुआ है, जिसमें वहां के जेलों में बंद आठ भारतीयों की सजा को माफ कर रिहा कर दिया दगा था। ये भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी थे। इन पूर्व अधिकारियों को अगस्त 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कतर की अदालत ने इन लोगों को 2023 में फांसी की सजा सुनाई थी। इन लोगों को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के आदेश पर रिहा किया गया था। इसके बाद से पीएम मोदी ने कतर की यात्रा की थी। 

 

मुस्लिम देशों को पल भर में अपना बना लेते हैं मोदी, Amir Of Qatar को PM Modi ने बताया भाई, दोनों नेताओं ने मिलकर भारत-कतर के संबंधों को दी नई ऊँचाई

भारत और कतर की दोस्ती नए मुकाम पर पहुँची है जिसका सीधा लाभ कतर में रहने वाले साढ़े आठ लाख से ज्यादा भारतीयों को होने वाला है। प्रधानमंत्री ने जिस तरह सारे प्रोटोकाल तोड़ कर हवाई अड्डे पर कतर के अमीर की अगवानी की, उनका भव्य स्वागत किया और कतर के साथ कई द्विपक्षीय समझौते किये गये, वह दर्शा रहा है कि दोनों देशों के रिश्ते काफी गहरे हो चुके हैं। एक समय था जब मुस्लिम देश पाकिस्तान परस्ती करते थे लेकिन आज ज्यादातर मुस्लिम देश भारत के साथ हैं और पाकिस्तान की बात तक नहीं करते। अभी पिछले महीने ही भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर आये थे और अब दुनिया के प्रमुख इस्लामिक देश कतर के अमीर आये। निश्चित रूप से यह सब देखकर पाकिस्तान को पच नहीं रहा होगा।
जहां तक भारत और कतर के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात की बात है तो आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की स्थापना पर एक समझौते का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी की मौजूदगी में दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल सानी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समझौते का आदान-प्रदान किया। हैदराबाद हाउस में आयोजित समारोह में घोषणा की गई कि भारत और कतर के बीच दोहरे कराधान से बचने और आय पर करों के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए एक संशोधित समझौते का भी आदान-प्रदान किया गया। कतर के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समझौते का आदान-प्रदान किया।

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प्रधानमंत्री मोदी और कतर के अमीर ने हैदराबाद हाउस में कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत भी की। बाद में विदेश मंत्रालय के सचिव (CPV & OIA) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि PM मोदी ने हैदराबाद हाउस में कतर के अमीर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने ऐतिहासिक व्यापार संबंधों और दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को याद किया। वार्ता के दौरान विभिन्न वैश्विक घटनाक्रमों को लेकर भी चर्चा हुई।
इससे पहले, कतर के अमीर को राष्ट्रपति भवन में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे। हम आपको याद दिला दें कि मोदी ने सोमवार शाम को कतर के अमीर का हवाई अड्डे पर स्वागत किया था। प्रधानमंत्री ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”अपने भाई, कतर के अमीर एच एच शेख तमीम बिन हम्माद अल सानी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं।”
दूसरी ओर, कतर ने कहा है कि वह भारत के साथ नए द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौते के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए कदम उठाने को तैयार है। कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने कहा कि भारत उसका तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के व्यवसायों को निवेश और औद्योगिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए सीमाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के भारत कतर व्यापार मंच सम्मेलन में फैसल अल थानी ने यह बात कही।
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हम दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार के प्रति झुकाव देखते आए हैं तथा अन्य उत्पादों के व्यापार को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अब हम एक नए भविष्य की ओर देख रहे हैं, जहां हम ऊर्जा को अपने व्यापार का आधार बनाने से हटकर नए युग की प्रौद्योगिकियों की ओर बढ़ेंगे, चाहे वह कृत्रिम मेधा (एआई) हो, ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) हो, क्वांटम कंप्यूटिंग हो या सेमीकंडक्टर हो।” गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों का परिवर्तन तीन स्तंभों- स्थिरता, उद्यमिता और ऊर्जा पर आधारित होगा। उन्होंने कतर के व्यवसायों को भारत में निवेश के अवसर तलाशने के लिए भी आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में दो सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें एक उद्योग संगठन सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) और क्यूबीए (कतर व्यवसायी संघ) के बीच तो दूसरा ‘इन्वेस्ट कतर’ और ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के बीच हुआ। मंत्री ने बताया कि कतर नेशनल बैंक गुजरात के ‘गिफ्ट’ सिटी में एक कार्यालय स्थापित करके भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है।
कतर के साथ व्यापार समझौते की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, “हमेशा हर प्रकार की चर्चा होती है। हम मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) के साथ चर्चा कर रहे हैं। अक्सर जीसीसी के कई देशों ने भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते करने के लिए भी चर्चा की है… हम दोनों के लिए खुले हैं।” हम आपको बता दें कि जीसीसी के छह सदस्य देश- बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं। भारत का पहले से ही यूएई के साथ एफटीए है। ओमान के साथ इसी तरह के समझौते के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। 
हम आपको यह भी बता दें कि अप्रैल 2000 से सितंबर, 2024 के दौरान भारत को कतर से 1.5 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। भारत और कतर में द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 18.77 अरब डॉलर से घटकर 2023-24 में 14 अरब डॉलर रह गया है। कतर द्वारा भारत को किए जाने वाले प्रमुख निर्यातों में एलएनजी, एलपीजी, रसायन और पेट्रोरसायन, प्लास्टिक और एल्युमीनियम उत्पाद शामिल हैं, जबकि भारत के प्रमुख निर्यातों में अनाज, तांबे के उत्पाद, लोहा और इस्पात उत्पाद, सब्जियां, फल, मसाले, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इलेक्ट्रिकल और अन्य मशीनरी, प्लास्टिक उत्पाद, निर्माण सामग्री, वस्त्र और परिधान, रसायन, कीमती पत्थर और रबर शामिल हैं। कतर एलएनजी और एलपीजी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। इसके अलावा, भारत कतर से एथिलीन, प्रोपलीन, अमोनिया, यूरिया और पॉलीइथिलीन भी आयात करता है। व्यापार संतुलन कतर के पक्ष में बना हुआ है।
हम आपको यह भी बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी से दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटों बाद ही मुलाकात की थी और कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अमीर की मुलाकात से ‘दोस्ती के हमारे करीबी रिश्ते और मजबूत होंगे’।

‘मुसलमानों की सरकार’ टिप्पणी के लिए Suvendu Adhikari के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश

पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को कथित तौर पर “मुसलमानों की सरकार” कहने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया गया। सोमवार को बंगाल विधानसभा से निलंबित किए गए शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ राज्य के मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने यह प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय ने कहा, “यह सदन की अवमानना ​​का मामला है।” मामले को आगे की कार्रवाई के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है। निलंबित किए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल सरकार पर हमला करते हुए सांप्रदायिक और भड़काऊ टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया।

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भाजपा विधायक ने कहा, “हिंदू समुदाय की वकालत करने के लिए हमें अपने निलंबन पर गर्व है… यह मुल्लाओं की सरकार है, मुसलमानों की सरकार है, अंसारुल बांग्ला की सरकार है, कश्मीरी आतंकवादियों की सरकार है। मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदू विरोधी सरकार है।” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक समय के शिष्य पर “घृणा भड़काने” का आरोप लगाया। “

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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब सांप्रदायिकता के बारे में बोलना या किसी धर्म के खिलाफ भड़काना नहीं है। आप एक खास धर्म को बेच रहे हैं… मैंने कुछ वीडियो देखे हैं, जिसमें वह (सुवेंदु अधिकारी) हिंदू धर्म के बारे में बोल रहे हैं। मैं कभी भी धार्मिक मामलों पर किसी को भड़काने की बात नहीं करता।” इस बीच, भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर अधिकारी और पार्टी के तीन अन्य सदस्यों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
 
उन्होंने भगवा पगड़ी और शर्ट पहनी थी, जिस पर लिखा था “हिंदू होने पर गर्व है”। शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा के आयोजन को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद सोमवार को अधिकारी और तीन भाजपा विधायकों अग्निमित्र पॉल, विश्वनाथ कारक और बंकिम घोष को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया।
जबकि अध्यक्ष ने भाजपा के प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति दी, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं दी। जवाब में, भाजपा विधायकों ने विरोध किया और कुछ ने कागज फाड़कर अध्यक्ष पर फेंके।

सत्येंद्र जैन की बढ़ेगी मुश्किलें, राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को दे दी कौन सी मंजूरी?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन को नई कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 18 फरवरी, 2025 को दी गई मंजूरी, गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा 14 फरवरी, 2025 को किए गए अनुरोध के बाद दी गई है। 
सत्येन्द्र जैन के खिलाफ सरकार का मामला
गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर, जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री थी। परिणामस्वरूप, मंत्रालय ने कानूनी कार्रवाई के लिए आगे बढ़ने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी। मंजूरी के बाद अब मामले की सुनवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 2018 के तहत की जाएगी।

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सत्येन्द्र जैन पर आरोप
जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 30 मई, 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर 2015-2016 में शेल कंपनियों के जरिए ₹16.39 करोड़ की लॉन्ड्रिंग का आरोप था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया, जहां वे लंबे समय तक हिरासत में रहे। हालाँकि, 18 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने मुकदमे में देरी और लंबे समय तक कारावास को प्रमुख कारण बताते हुए उन्हें जमानत दे दी।
आम आदमी पार्टी इसे बीजेपी की साजिश बताती है
जैन की जमानत पर सुनवाई के दौरान, ईडी ने उनकी रिहाई का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अगर उन्हें आज़ाद रहने दिया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, आप नेताओं ने अदालत के जमानत फैसले की सराहना करते हुए इसे सच्चाई की जीत और भाजपा की साजिश की हार बताया। इससे पहले, 26 मई, 2023 को जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी। राष्ट्रपति से अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद अब सत्येन्द्र जैन के खिलाफ अदालत में मामला चलेगा। यदि दोषी पाया गया, तो उन्हें गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिससे उनके राजनीतिक करियर और प्रमुख चुनावों से पहले आप की प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा। यह मामला दिल्ली में आप और भाजपा के बीच चल रही खींचतान में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है, जिसमें दोनों पार्टियां भ्रष्टाचार और राजनीतिक प्रतिशोध को लेकर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं।

मुश्किल में आप नेता सत्येंद्र जैन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चलेगा मुकदमा, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियोजन की मंजूरी दिए जाने के बाद नई कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा 14 फरवरी, 2025 को किए गए अनुरोध के बाद 18 फरवरी, 2025 को यह मंजूरी दी गई।
सत्येंद्र जैन के खिलाफ सरकार का मामला
गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद है। नतीजतन, मंत्रालय ने कानूनी कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति से मंजूरी मांगी। मंजूरी के बाद अब इस मामले की सुनवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 2018 के तहत होगी।
 

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सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप
जैन को 30 मई, 2022 को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर 2015-2016 में शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया, जहां वे लंबे समय तक हिरासत में रहे। हालांकि, 18 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने मुकदमे में देरी और लंबी कैद को मुख्य कारण बताते हुए उन्हें जमानत दे दी।
आप ने इसे भाजपा की साजिश बताया
जैन की जमानत पर सुनवाई के दौरान ईडी ने उनकी रिहाई का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अगर उन्हें रिहा किया गया तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, आप नेताओं ने अदालत के जमानत के फैसले की सराहना करते हुए इसे सत्य की जीत और भाजपा की साजिश की हार बताया।
 

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इससे पहले 26 मई 2023 को जैन को स्पाइनल सर्जरी के बाद मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी। राष्ट्रपति की ओर से अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद अब सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला कोर्ट में चलेगा। अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें गंभीर कानूनी नतीजों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनके राजनीतिक करियर और प्रमुख चुनावों से पहले AAP की प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है। यह मामला दिल्ली में AAP और भाजपा के बीच चल रही खींचतान का एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है, जिसमें दोनों पार्टियां भ्रष्टाचार और राजनीतिक प्रतिशोध को लेकर आरोप लगा रही हैं।

पटना में बदमाशों के साथ पुलिस का एनकाउंटर, 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया

बिहार में पटना के कंकड़बाग इलाके में अपराधियों ने आज एक घर के बाहर गोलीबारी की, जिसके बाद पुलिस को इलाके की घेराबंदी करनी पड़ी. गोलीबारी के बाद सभी अपराधी पास के एक घर में छिप गये. फायरिंग कंकड़बाग के रामलखन पथ पर दोपहर करीब 2 बजे हुई। पुलिस ने फायरिंग करने वाले चार बदमाशों को हिरासत में लिया है और कुछ बदमाश भाग गए। पुलिस फरार अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने चार राउंड फायरिंग की। 

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पटना के एसएसपी अवकाश कुमार ने कहा कि चार राउंड फायरिंग की गई. इस घटना में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। इमारत के अंदर मौजूद सभी नागरिक सुरक्षित हैं। हम कुछ गुंडों का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो फरार हो गए हैं। स्थिति सामान्य है। हम अन्य आरोपियों की तलाश के लिए कई जगहों पर छापेमारी कर रहे हैं. हमें धर्मेंद्र नहीं मिला है। पटना पुलिस के मुताबिक मौके पर पुलिस के साथ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) भी मौजूद है. फोर्स ने पूरी बिल्डिंग को चारों तरफ से घेर लिया था. मौके पर पटना एसएसपी समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद हैं. एसटीएफ की टीम ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया।

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पटना में हुई गोलीबारी की घटना पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य में अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। हम कई बार कह रहे हैं कि एक भी दिन ऐसा नहीं होता जब बिहार में दो सौ राउंड से अधिक गोलियां नहीं चलतीं। यह हर दिन होता है। पटना में हर जगह अपहरण हो रहा है। आप इसे कई जगहों पर देख सकते हैं। लोगों को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया जाता है। हिरासत में मर जाते हैं, और कोई इसका जवाब नहीं देता है। मुख्यमंत्री को इससे कोई लेना-देना नहीं है। अगर उनके अधिकारी उन्हें बताते हैं तो केवल वही करते हैं। 

Patna Firing : पटना में फायरिंग के बाद पुलिस ने कैसे अपराधियों को दबोचा? कुछ मौके से भाग गए, लेकिन शहर में स्थिति नियंत्रण में आयी

पटना फायरिंग: बिहार में पटना के कंकड़बाग इलाके में आज अपराधियों ने एक घर के बाहर फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस ने उस जगह की घेराबंदी कर दी। फायरिंग के बाद सभी अपराधी पास के एक घर में छिप गए। गोलीबारी कंकड़बाग के रामलखन पथ पर दोपहर करीब 2 बजे हुई।
पुलिस ने चार बदमाशों को पकड़ा, तीन अभी भी छिपे हुए हैं
पुलिस ने फायरिंग करने वाले चार बदमाशों को हिरासत में लिया है और कुछ अपराधी भाग गए। पुलिस फरार अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने चार राउंड फायरिंग की।

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ना एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया, “चार राउंड फायरिंग की गई। घटना में चार लोगों को हिरासत में लेकर हिरासत में लिया गया है। घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। इमारत के अंदर मौजूद सभी नागरिक सुरक्षित हैं। हम फरार हुए कुछ गुंडों की तलाश भी कर रहे हैं। स्थिति सामान्य है। हम अन्य आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रहे हैं। धर्मेंद्र अभी तक नहीं मिला है।” पटना पुलिस के मुताबिक, पुलिस के साथ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) भी मौके पर थी। फोर्स ने पूरी इमारत को चारों तरफ से घेर लिया था। पटना एसएसपी समेत सभी आला अधिकारी मौके पर मौजूद थे। एसटीएफ की टीम ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया।
 

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फायरिंग की घटना पर तेजस्वी यादव
पटना में हुई फायरिंग की घटना पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “राज्य में अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. हम कई बार कह चुके हैं कि बिहार में एक भी दिन ऐसा नहीं है जब दो सौ से ज्यादा राउंड गोलियां न चलती हों. ऐसा हर दिन होता है. पटना में हर जगह अपहरण हो रहा है. आप इसे कई जगहों पर देख सकते हैं. पुलिस हिरासत में लोगों को प्रताड़ित किया जाता है. वे हिरासत में मर जाते हैं और कोई जवाब नहीं देता. मुख्यमंत्री को इससे कोई लेना-देना नहीं है. वे तो बस वही करते हैं जो उनके अधिकारी उन्हें कहते हैं.”